विदेश राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत को एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए निजी सुरक्षा एजेंसियों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी, जिसके लिए उन्हें अपने कौशल को उन्नत करने के साथ ही आधुनिक तकनीक अपनानी होगी।
विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह, केन्द्रीय एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री (सीएपीएसआई) और एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डिटेक्टिव्स एंड इंवेस्टिगेटर्स (एपीडीआई) के सालाना सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे थे।
सिंह ने कहा, 'हमारा सुरक्षा माहौल तेजी से बदल रहा है, हमारी सड़कें आज के परिप्रेक्ष में ज्यादा सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि निजी सुरक्षा एजेंसियां सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षा से संबंधित बढ़ती चुनौतियों के प्रति जागरूक हो जाएं। उन्हें हमारी सुरक्षा आवश्यकताओं में अंतर को पाटने की जरूरत है।'
उन्होंने कहा, 'सरकार सुरक्षा की सभी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकती है, विशेषकर निजी लोगों द्वारा मांगी जाने वाली सुरक्षा।'
उन्होंने कहा, 'निजी एजेंसियों को इस कार्य को लेना चाहिए। हम निजी सुरक्षा पर अधिक निर्भर होते जा रहे हैं, निजी सुरक्षा की बढ़ती मांग के मद्देनजर निजी सुरक्षा एजेंसियों को इसके लिए जागृत होना चाहिए।'
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सीएपीएसआई अध्यक्ष कुंवर विक्रम सिंह ने इस क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को उठाया, खासकर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से संबंधित, जो एजेंसियों पर वित्तीय बोझ डाल रही है।
उन्होंने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में बताया है जो इस क्षेत्र को प्रभावित कर रहे हैं। यह क्षेत्र न केवल 72 लाख कर्मियों के साथ निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा नियोक्ता है, बल्कि शीर्ष कॉरपोरेट कर योगदानकर्ता भी हैं। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को तत्काल आधार पर हमारी चिंताओं को देखने के लिए कहा है।'
सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने कहा कि सरकार को निजी सुरक्षा पर खर्च करना चाहिए ताकि सुरक्षा प्रदान की जा सके और देश की निरंतर वृद्धि व प्रगति के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके।
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Source : IANS