रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 11वां दिन है. यूक्रेन में जन-धन की काफी हानि हुई है. कई शहर खंडबर में तब्दील हो चुके हैं. आम नागरिक पड़ोसी देशों की तरफ पलायन कर रहे हैं. युद्ध के मसले पर विश्व दो खेमों में बंटा है. हर कोई युद्ध और रूस के हमले की निंदा कर रहा है. लेकिन कुछ दंश सीधे तौर पर यूक्रेन के साथ औऱ रूस के विरोध में हैं. भारत किसी धड़ें के साथ नहीं है. युद्ध और पलायन के बीच कूटनीतिक स्कर पर यूक्रेन के पक्ष में जनमत जुटाने का प्रयास तेज हो गया है.
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इस बीच भारत जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने कहा कि, "भारत के पास उत्कृष्ट राजनयिक सेवा है, वे जानते हैं कि क्या करना है... यह यूक्रेन या यूरोपीय संघ के बारे में नहीं है, यह वैश्विक विश्व व्यवस्था के बारे में है... हम सभी को इसके खिलाफ एक साथ खड़ा होना है."
जर्मन राजदूत वाल्टर जे लिंडनर यूक्रेन युद्ध पर रूस के राष्ट्रपति की भूमिका को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए कहा कि, "पहले दिन से ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन झूठ बोल रहे हैं ... उन्होंने कहा कि वह आक्रमण नहीं कर रहे हैं बल्कि वहां रूसी भाषी लोगों को बचा रहे हैं और अब गोलाबारी और बमबारी हो रही है। नाटो एक रक्षा गठबंधन है, हम कभी आक्रामक नहीं रहे, कभी किसी चीज पर आक्रमण नहीं किया."