कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक अंदेशे के अनुरूप ही बेहद हंगामेदार चल रही है. पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखे पत्र पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की टिप्पणी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को तीखी मिर्ची लग गई है. यहां तक कि कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) और गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अपनी नाखुशी और नाराजगी जाहिर करने से खुद को नहीं रोक सके. गुलाम नबी आजाद ने तो राहुल गांधी के बीजेपी से मिलीभगत के आरोप सिद्ध होने पर कांग्रेस से इस्तीफा देने की बात तक कह डाली है.
राहुल गांधी ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र की टाइमिंग औऱ मंशा पर सवालिया निशान लगाते हुए उन नेताओं को कठघरे में खड़ा कर दिया, जिन्होंने उस पर साइन किए थे. राहुल गांधी के इस बयान की तीखी प्रतिक्रिया होनी ही थी. राहुल गांधी का कहना था कि सोनिया गांधी को लिखे पत्र पर साइन करने वाले वास्तव में बीजेपी की ही मदद कर रहे हैं. राहुल गांधी के इस तीखे बयान के बाद प्रियंका गांधी ने भी इसी अंदाज में पत्र पर साइन करने वालों की मजम्मत कर दी.
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Was informed by Rahul Gandhi personally that he never said what was attributed to him .
I therefore withdraw my tweet .
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 24, 2020
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गुलाम नबी आजाद तो इतने आहत हो गए है कि उन्होंने बयान जारी कर दिया कि अगर आरोप सिद्ध हो गए तो वह कांग्रेस से इस्तीफा दे देंगे. कपिल सिब्बल ने भी राजस्थान और मणिपुर कांग्रेस संकट का हवाला देते हुए ट्वीट कर राहुल गांधी के आरोपों से नाराजगी जता दी. हालांकि कुछ देर बाद ही कपिल सिब्बल ने अपना ट्वीट वापस ले लिया. जाहिर है कांग्रेस में आमूलचूल बदलाव की मंशा से सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र से कांग्रेस की खेमेबंदी सतह पर उभर कर आ गई है.
Source : News Nation Bureau