कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने आर्टिकल 35ए का समर्थन करते हुए इसे 'किसी क्षेत्र का' या 'हिंदू बनाम मुस्लिम' मुद्दा नहीं बनाने की अपील की. आजाद ने कहा, 'जम्मू, लद्दाख और कश्मीर के लोग (यह) संवैधानिक प्रवधान जारी रखने के पक्ष में एकजुट हैं ...इसे किसी क्षेत्र का या हिंदू बनाम मुस्लिम मुद्दा नहीं बनाइए। ये तीनों क्षेत्र एक ही हैं.'
आर्टिकल 35ए को रद्द करने की कोशिशों पर जताई जा रही चिंता के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'लोग इस बात से अवगत हैं कि कश्मीर में जो स्थिति है उसमें बाहर से कोई भी व्यक्ति आकर घाटी में बसने नहीं जा रहा.' यह प्रावधान 1954 में एक राष्ट्रीय आदेश क जरिए संविधान में शामिल किया गया था. यह राज्य के बाहर के लोगों को कोई अचल संपत्ति खरीदने से प्रतिबंधित करता है. इस आर्टिकल की संवैघानिक मान्यता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही सुनवाई होने का कार्यक्रम है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इस आर्टिकल को रद्द करने से जम्मू और लद्दाख के लोगों को ज्यादा नुकसान होगा क्योंकि लोग इन दो शांतिपूर्ण क्षेत्रों में जमीन खरीदने को तैयार हैं.
जमात ए इस्लामी संगठन पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले पर आजाद ने कहा कि यदि कोई संगठन नफरत फैलाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, भले ही वह किसी भी धर्म से संबद्ध हो. आजाद ने यहां एक कार्यक्रम से इतर बोलते हुए कहा कि उनकी पार्टी राज्य में विधानसभा चुनाव के समय को लेकर चुनाव आयोग के फैसले का पालन करेगी. जो कुछ भी फैसला होगा उसका सम्मान किया जाएगा.
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की हालिया टिप्पणियों, खासतौर पर पाकिस्तान पर उनके बयान के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने चुटकी लेते हुए कहा, 'वह (सिद्धू) एक खिलाड़ी हैं और कभी-कभी वह गेंद को छह रनों के लिए सीमा रेखा के पार पहुंचा देते हैं.'
Source : PTI