Advertisment

गुलाम नबी बोले, राहुल गांधी सिर्फ फोटो खिंचवाने और धरने के लिए अच्छे हैं, कांग्रेस के लिए नहीं

गुलाम नबी आजाद ने कहा, "मैं किसे दोष दूं? मुझे राहुल गांधी को दोष देना पड़ा क्योंकि उन्होंने कोई प्रयास नहीं किया.

author-image
Vijay Shankar
New Update
Ghulam Nabi azad

Ghulam Nabi azad ( Photo Credit : File)

तीन दिन पहले कांग्रेस छोड़ने वाले वयोवृद्ध राजनेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी सिर्फ फोटो सेशन और धरने के लिए अच्छे हैं, न कि संगठन के लिए. गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के साथ अपने पूरे सलाहकार तंत्र को "ध्वस्त" करने और पार्टी को बिना किसी वापसी के बिंदु पर ले जाने के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर हमला करते हुए पार्टी के साथ अपने पांच दशक के जुड़ाव को समाप्त कर दिया था. गुलाम नबी आजाद ने कहा, "मैं किसे दोष दूं? मुझे राहुल गांधी को दोष देना पड़ा क्योंकि उन्होंने कोई प्रयास नहीं किया. गुलाम नबी आजाद ने कहा, मेरा उद्देश्य एक पत्र में सब कुछ लिखना और आगे बढ़ना था, लेकिन पार्टी ने मुझे झूठे आरोपों के साथ भड़काने की कोशिश की.

Advertisment

आजाद ने कहा, "राहुल गांधी का संगठन के पुनर्निर्माण पर ध्यान नहीं है. वह फोटो सेशन, धरने और सार्वजनिक रैलियों के लिए अच्छे हैं. ये एकालाप हैं". उन्होंने कहा कि हर कांग्रेसी जानता है कि निर्णय राहुल गांधी या उनके सुरक्षा गार्ड और पीए द्वारा लिए जाते हैं. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव अभियान का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राहुल गांधी का 'चौकीदार चोर एजेंडा' मंजूर नहीं है. आजाद ने आगे कहा, "चौकीदार चोर है आपकी हर जनसभा में चुनावी मुद्दा नहीं हो सकता. मैंने चौकीदार चोर एजेंडा को मंजूरी नहीं दी. क्या महंगाई और बेरोजगारी कोई मुद्दा नहीं था?"

ये भी पढ़ें : मन की बात में PM मोदी ने क्यों किया कुमाऊंनी अंजीर का जिक्र, क्या है इनके स्वास्थ्य लाभ

आजाद ने कहा, "कांग्रेस ने मुझे राज्यसभा की सीट गिफ्ट में नहीं दी, मैंने चुनाव जीता, इसलिए मुझे राज्यसभा की सीट मिली. उन्होंने हमारे सुझाव पर अमल नहीं किया. भारत जोड़ो की जरूरत नहीं है, कांग्रेस जोड़ने का समय है. आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस नेतृत्व पर आंतरिक चुनावों के नाम पर पार्टी के साथ "बड़ा धोखाधड़ी" करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, पार्टी में सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर दिया गया और अनुभवहीन चाटुकारों की नई मंडली के मामलों को चलाना शुरू कर दिया था. 

Advertisment

राहुल गांधी rahul gandhi congress धरना गुलाम नबी आजाद dharna Ghulam nabi Azad
Advertisment
Advertisment