सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उपहार सिनेमाघर के मालिक गोपाल अंसल के आत्मसमर्पण के लिए और समय दिए जाने की याचिका नामंजूर कर दी। अंसल ने यह कहते हुए याचिका दायर की थी कि उन्होंने राष्ट्रपति से दया और माफी की गुहार लगाई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने अदालत से अंसल को समर्पण करने के लिए कुछ और समय दिए जाने का आग्रह किया था इस पर सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर, न्यायमूर्ति डी.वाय. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की सदस्यता वाली पीठ ने साफ मना कर दिया और कहा, 'माफ कीजिए हम ऐसा नहीं कर सकते।'
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सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पहले गोपाल अंसल को उपहार कांड मामले में अपनी शेष सजा भुगतने के लिए आत्मसमर्पण करने को कहा था।
मामला पिछले 20 साल का है जब उपहार सिनेमा हॉल में 13 जून, 1997 को हिंदी फिल्म 'बॉर्डर' दिखाई जा रही थी तभी उसमें भीषण आग लग गई थी। हादसे में दम घुटने के कारण 59 लोगों की मौत हो गई थी और भगदड़ में 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
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Source : IANS