भारत ने पाकिस्तान को दो टूक में कह दिया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान उसका अभिन्न अंग है. इसमें वो किसी भी तरह का बदलाव मंजूर नहीं करेगा. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने तो अब इसे अपने बुलेटिन में भी शामिल कर लिया है. आईएमडी जम्मू-कश्मीर सब-डिविजन को अब जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद कहना शुरू कर दिया है.
मौसम विभाग ने जो अनुमान मौसम को लेकर जारी किया है, उसमें पीओके को भी शामिल किया है. आईएमडी के डायरेक्टर-जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि IMD पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए मौसम बुलेटिन जारी करता रहा है. मुजफ्फराबाद, गिलगित-बालिस्टान भारत का अभिन्न हिस्सा है. इसलिए हम इसे भी बुलेटिन में शामिल कर लिए हैं.
तो क्या पीओके को लेकर होगी कार्रवाई
भारत पाकिस्तान को कई बार पहले भी कह चुका है कि मुजफ्फराबाद, गिलगित-बालिस्टान भारत का हिस्सा है और हमेशा रहेंगे. इसमें कोई बदलाव मंजूर नहीं करेंगे. तो क्या यह एक इशारा है कि भारत का अगला कदम पाकिस्तान से उस हिस्से को वापस ले लेना होगा जिसपर उसने जबरन कब्जा कर रखा है. जम्मू-कश्मीर में जिस तरह आतंकवादी गतिविधियां बढ़ गई है. कोरोना महामारी के बीच जिस तरह पाकिस्तान सीजफायर का उल्लंघन करते हुए गोलाबारी कर रहा है. ऐसे में भारत एक सख्त कदम उठा सकता है.
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पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पीओके में चुनाव कराने के आदेश दिए
इसके पीछे एक और वजह है. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान सरकार को गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के आदेश दिए थे. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश पर भारत ने पाकिस्तान द्वारा "अवैध और जबरन कब्जाए" हुए क्षेत्रों की "स्थिति में बदलाव" करने की उसकी कोशिश को लेकर इस्लामाबाद के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई है.
भारत का हिस्सा है गिलगित-बालिस्टान
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को बता दिया गया है कि गिलगित- बाल्टिस्तान सहित पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और पाकिस्तान को अपने अवैध कब्जे से इन क्षेत्रों को तुरंत मुक्त कर देना चाहिए.
इसमें किसी भी तरह का बदलाव मंजूर नहीं
बयान में कहा गया है, 'यह स्पष्ट रूप से बता दिया गया है कि केंद्र शासित प्रदेश पूरा जम्मू- कश्मीर और लद्दाख जिसमें गिलगित और बाल्टिस्तान भी शामिल हैं, वह पूरी तरह से कानूनी और अपरिवर्तनीय विलय के तहत भारत का अभिन्न अंग हैं.'
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भारत ने पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक को आपत्ति पत्र जारी किया और तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
पाकिस्तानी सरकार या उसकी न्यायपालिका को उन क्षेत्रों पर हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार या उसकी न्यायपालिका को उन क्षेत्रों पर हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं हैं जो उसने "अवैध तरीके से और जबरन कब्जाए " हुए हैं. बयान में कहा गया है कि भारत इस तरह के कदमों को पूरी तरह से खारिज करता है और भारतीय जम्मू-कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों की स्थिति में बदलाव लाने के जारी प्रयासों पर आपत्ति जताता है.
विदेश मंत्रालय की कड़ी आपत्ति कार्रवाई में भी बदल सकती है अगर पाकिस्तान अपनी आदतों से बाज नहीं आया तो. अगर वो गिलगित -बालिस्टान में मुजफ्फराबाद में कोई भी बदलाव करता है तो उसका अंजाम उसे भुगतना होगा.
Source : News Nation Bureau