गिरीश चंद्र मुर्मू (Girish Chandra Murmu) केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल पद से हट गए हैं. माना जा रहा है कि अब उन्हें केंद्र में नई जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी ने पिछले साल 29 अक्टूबर को इस केंद्र शासित प्रदेश के प्रथम एलजी के रूप में कार्यभार संभाला था. मुर्मू ने पूर्ववर्ती राज्य में अनुच्छेद 370 (Article 370) निरस्त होने के ठीक एक वर्ष पूरे होने और इस नए केन्द्र शासित प्रदेश की बागडोर संभालने के 9 महीने बाद अपने पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया.
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राष्ट्रपति ने मुर्मू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और उनकी जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त कर दिया गया है. मुर्मू का इस्तीफा उस दिन आया, जब जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने का एक वर्ष पूरा हुआ है. हालांकि 1985 बैच के आईएएस अधिकारी जी सी मुर्मू के जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के पद से इस्तीफे के कारणों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
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लेकिन कहा जा रहा है कि जी सी मुर्मू को देश के नए ऑडिटर के पद पर नियुक्त किया जा रहा है. सूत्रों बताते हैं कि अब वह नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) का पदभार संभालेंगे. दरअसल, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का पद जल्द ही खाली होने जा रहा है, क्योंकि मौजूदा ऑडिटर राजीव महर्षि अगस्त को 65 साल के हो जाएंगे. ऐसे में सरकार जल्दबाजी में है. सूत्रों के मुताबिक, राजीव महर्षि के हटते ही मुर्मू को नियंत्रक महालेखा परीक्षक का पद खाली होने के बाद नियुक्त किया जाएगा. आपको यह भी बताना जरूरी है कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक एक संवैधानिक पद है, जिसे खाली नहीं छोड़ा जा सकता है.
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उल्लेखनीय है कि जी एस मुर्मू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा अधिकारियों में से एक माने जाते हैं. जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मुर्मू ने उनके प्रधान सचिव के रूप में सेवाएं दी थीं. वह उप राज्यपाल के पद पर नियुक्ति के समय वित्त मंत्रालय में सचिव थे. बता दें कि मुर्मू ओडिशा के सुंदरगढ़ के रहने वाले हैं. उन्होंने उत्कल यूनिवर्सिटी से परास्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम से एमबीए की पढ़ाई की थी.
Source : News Nation Bureau