इस समय दुनिया भर में न सिर्फ भारत के योग और आयुर्वेद की चर्चा हो रही बल्कि कई देश पारंपरिक योग और आयुर्वेद से चिकित्सा को अपने देश में मान्यता दे रहे हैं. कोरोना काल में 'नमस्ते' के लिए मजबूर हुए दुनियाभर के देशों ने भारत को 'दुनिया की फार्मेसी' ऐसे ही नहीं कहा था. अब WHO की क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि, "भारत में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन गेम-चेंजर हो सकता है." इसके साथा ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैश्विक पारंपरिक औषधि केंद्र (India Traditional Medicine) की स्थापना के लिए भारत सरकार के साथ समझौता किया है.
गुजरात के जामनगर में यह केंद्र स्थापित होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की पारंपरिक औषधि और बेहतर स्वास्थ्य के तरीके दुनियाभर में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. उन्होंने कहा यह डब्लूएचओ सेंटर हमारे समाज में तंदुरुस्ती बढ़ाने में काफी मदद करेगा. केंद्रीय आयुष मंत्री ने बताया है कि यह सेंटर WHO का दुनिया में अपनी तरह का पहला केंद्र होगा.
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि, गुजरात के जामनगर में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रैडिशनल मेडिसिन की स्थापना के लिए WHO के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. यह पारंपरिक चिकित्सा के लिए दुनिया में डब्लूएचओ का इकलौता ग्लोबल सेंटर होगा. यह पारंपरिक चिकित्सा औषधि के क्षेत्र में हमारी श्रेष्ठता दिखाने का एक अवसर है.
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ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रैडिशनल मेडिसिन की स्थापना से संबंधित समझौते पर स्विट्जरलैंड के जिनेवा में भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. प्रधानमंत्री की मौजूदगी में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने 5वें आयुर्वेद दिवस पर 13 नवंबर, 2020 को इसकी घोषणा की थी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक पारंपरिक औषधि केंद्र की स्थापना को 9 मार्च को मंजूरी दे दी.