गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन होने के बाद आज उनका पणजी के SAG ग्राउंड में उनका अंतिम संस्कार होगा. उनकी अंतिम यात्रा में बीजेपी समेत दूसरे दलों के नेता के साथ ही भारी भीड़ उमड़ी जो उनके शव यात्रा में साथ साथ चल रहे हैं. इससे पहले पीएम मोदी ने उन्हें गोवा जाकर श्रद्धांजलि दी और उनके परिजोनों को ढांढस बंधाया. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर्रिकर के अंतिम दर्शन के बाद अपनी भावनों को रोक नहीं पाई और उनके आंख से आंसू बहने लगे. दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की अंत्येष्टि सोमवार शाम 5 बजे की जाएगी. मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, उनका पार्थिव शरीर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यालय और प्रदेश के कला-संस्कृति केंद्र में सुबह एवं दोपहर में रखा गया था, ताकि लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकें और श्रद्धांजलि दे सकें. इससे पहले रविवार शाम को गोवा के सीएम निवास में पर्रिकर का निधन हो गया था. वह पिछले एक साल से अधिक समय से कैंसर से जूझ रहे थे. वह 63 साल के थे. पर्रिकर एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से ग्रस्त थे, जिसका पता पिछले साल फरवरी में चला था. उसके बाद उन्होंने गोवा, मुंबई, दिल्ली और न्यूयॉर्क के अस्पतालों में इलाज कराया.
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मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद पूरा देश शोक में डूब गया है. आज राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है. वहीं गोवा में 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया. इस दौरान पूरे गोवा में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. इसके साथ ही 18 मार्च को सभी सरकारी ऑफिस, स्थानीय स्वायत्त निकाय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, सहायता प्राप्त संस्थान सहित सभी शैक्षणिक संस्थान 18 मार्च को बंद रहेंगे.
पार्टी सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्री रहे पर्रिकर की अंत्येष्टि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पर्रिकर के निधन पर गहरा शोक जताया है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर के निधन की खबर सुनकर अत्यंत दुखी हूं. सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और निष्ठा के एक प्रतीक के रूप में गोवा और भारत के लोगों के लिए उनकी सेवा को भुलाया नहीं जाएगा.
विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने पर्रिकर के निधन पर शोक जताया है.
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गोवा का मुख्यमंत्री बनने वाले बीजेपी के पहले नेता पर्रिकर ने 2000-05 तक और फिर 2012-14 तक राज्य का नेतृत्व किया. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में 2014 में रक्षामंत्री का पद संभाला.
पर्रिकर देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से पढ़ाई की थी. उन्हें 2000 से चार बार मौका मिला, लेकिन वह एक बार भी पूरे कार्यकाल तक पद पर नहीं रह पाए.
वह 2017 में वापस राज्य की राजनीति में लौट आए और उन्होंने गठबंधन सरकार का नेतृत्व संभाला और लंबी बीमारी के बावजूद वह पद पर बने रहे. इस बीच विपक्ष और नागरिक समाज ने उनकी आलोचना भी की और खराब स्वास्थ्य के आधार पर बार-बार उनके इस्तीफे की मांग भी की.
पर्रिकर की पत्नी का पहले ही निधन हो गया था। उनके परिवार में उनके दो पुत्र उत्पल और अभिजीत, उनकी पत्नियां और एक पोता है.
Source : IANS