जर्मन राजदूत वाल्टर जे. लिंडनर का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीते अप्रैल में संक्षिप्त ठहराव के दौरान जर्मन चांसलर एजेंला मर्केल के साथ बालकनी में 20 मिनट तक बातचीत हुई. यह बातचीत आधिकारिक तौर पर डिनर मीटिंग से पहले हुई. दोनों तरफ के अधिकारी धैर्य पूर्वक नीचे इंतजार कर रहे थे. यह दोनों नेताओं के बीच अच्छी केमिस्ट्री के संकेत हैं.
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जर्मन चांसलर एजेंला मर्केल का द्विवार्षिक अंतर-सरकारी बैठक के लिए नवंबर में भारत का दौरा होना है. इस बैठक के जरिए भारत-जर्मनी के रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने को तैयारियां पूरे जोरों पर हैं. अंतर सरकारी परामर्श (आईजीसी), हर दो साल में सरकार के प्रमुख के स्तर पर आयोजित होने वाली एक रणनीतिक साझेदारी बैठक है. इस बैठक को जर्मनी ने कुछ महत्वपूर्ण देशों के लिए आरक्षित किया है.
जब मोदी ने मई 2017 में चौथी आईजीसी के लिए बर्लिन का दौरा किया तो उनके साथ कई कैबिनेट मंत्री भी थे. जर्मन चांसलर से पांचवें आईजीसी के लिए अपनी यात्रा के दौरान इसी तरह की उम्मीद है. लिंडनर ने कहा, "यह आईजीसी मेरा मानना है कि चीजों को आगे बढ़ाने व उन पर जोर देने का अच्छा तरीका है." उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष साल भर काम करते रहते हैं. दो सरकार के प्रमुखों की उनके कई मंत्रियों के साथ मौजूदगी संबंधों को खास तौर से बढ़ा सकती है.
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बीते आईजीसी के दौरान दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के 12 दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किया. मोदी के अप्रैल 2018 में बर्लिन की संक्षिप्त यात्रा के दौरान एक डिनर बैठक का जिक्र करते हुए लिंडनर ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी लंदन कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट बैठक से आते हुए एक ठहराव के लिए बर्लिन में थे और हम वहां (चांसलरी) उनका डिनर पर इंतजार कर रहे थे." यह डिनर बैठक मर्केल के सुझाव पर रखी गई. मर्केल ने चांसलर के तौर पर अपना चौथा कार्यकाल बस शुरू ही किया था.
लिंडनर ने एक साक्षात्कार में कहा, "वे बालकनी में बातचीत कर रहे थे, चांसलर व प्रधानमंत्री मोदी ने 20 मिनट तक बातचीत की और हम मेज पर बैठे थे. उस समय विजय गोखले थे जो वहां मेरे सहयोगी थे. और हम मेज पर बात कर रहे थे, सोच रहे थे कि वे किस बारे में बात कर रहे होंगे. बाद में उन्होंने (मर्केल) कहा कि हम भविष्य के कार्यों के बारे में बात कर रहे थे. इसमें वैश्वीकरण के नतीजों, दुनिया की अर्थव्यवस्था और रोबोटिक्स और उद्योग 4.0 की चर्चा शामिल रहीं और मेरा मानना है कि इन सब की घोषणा (आगामी) एजेंडे में होगी."
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लिंडनर ने द्विपक्षीय संबंधों को बहुत ही जुड़ाव वाला व गहन संबंध बताया. उन्होंने कहा, लेकिन हर चीज में सुधार हो सकता है और सुधार की जगह होती है. मर्केल का आगामी भारत दौरा नवंबर में है. लिंडनर ने कहा, हमारी तैयारी प्रक्रिया पहले ही पूरे जोरों पर है. यात्रा के दौरान कवर किए जाने वाले क्षेत्रों पर उन्होंने कहा कि वे नवाचार, उद्योग व उद्योग 4.0 (चौथी औद्योगिक क्रांति), आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स के साथ साथ ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, सतत विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण व पर्यावरण शामिल करेंगे. इसके साथ दूसरे विषय भी होंगे.
Source : आईएएनएस