Good News: पहली बार देश में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं

पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा जी रही हैं. यह सर्वेक्षण दो चरणों में 2019 और 2021 में किया गया.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Baby

पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा जी भी रही हैं. ( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

लिंगानुपात में गंभीर अंतर से जूझ रहे भारत देश के लिए नेशनल फैमिली एंड हेल्थ सर्वे बड़ी खुशखबरी लेकर आया है. देश की समग्र  आबादी में पहली बार पुरुषों की आबादी की तुलना में महिलाओं की संख्या ज्यादा हुई है. इस सर्वेक्षण के अनुसार देश में अब 1,000 पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी 1,020 हो गई है. सोने पे सुहागा की तर्ज पर देश में प्रजनन दर में भी कमी आई है. सर्वे के अनुसार देश में औसतन एक महिला के अब सिर्फ 2 बच्चे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों से भी कम है. माना जा रहा है कि भारत आबादी के मामले में शिखर पर पहुंच चुका है. हालांकि इसकी पुष्टि अब नई जनगणना के बाद ही हो पाएगी.

महिलाओं की जिंदगी भी पुरुषों से ज्यादा हुई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल फैमिली एंड हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के अनुसार 2010-14 के दौरान पुरुषों में जीवन प्रत्याशा 66.4 साल है जबकि महिलाओं में 69.6 साल. सर्वेक्षण में कहा गया है कि अभी भी लोगों के बीच लड़के की चाहत ज्यादा दिख रही है. हालांकि सख्ती के बाद लिंग का पता करने की कोशिशों में कमी आई है और भ्रूण हत्या में कमी देखी जा रही है. इसके अलावा पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा जी रही हैं. यह सर्वेक्षण दो चरणों में 2019 और 2021 में किया गया. देश के 707 जिलों के 6,50,000 घरों में ये सर्वे किया गया. दूसरे चरण का सर्वे अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, पुड्डुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया गया.

यह भी पढ़ेंः यूपी में महापुरुषों की जयंती और शिवरात्रि पर नहीं होगी मांस की बिक्री

भारत ने इस तरह धोया मिसिंग वूमन का दाग
गौरतलब है कि नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने 1990 में एक लेख में भारत में लिंगानुपात को देख 'मिसिंग वूमन' शब्द का इस्तेमाल किया किया था. लेकिन बदलते समय के साथ देश में भी सामाजिक हालात धीरे-धीरे बदल रहे हैं. अब देश में महिलाओं की आबादी पुरुषों से ज्यादा हो गई है. 1990 के दौरान भारत में प्रति हजार पुरुषों की तुलना में महिलाओं का अनुपात 927 था. 2005-06 में यह आंकड़ा 1000-1000 तक आ गया. हालांकि 2015-16 में यह घटकर प्रति हजार पुरुषों की तुलना में 991 पहुंच गया था, लेकिन इस बार ये आंकड़ा 1000-1,020 तक पहुंच गया है.

HIGHLIGHTS

  • 1,000 पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी 1,020
  • पुरुषों की जीवन प्रत्याशा 66.4, तो महिलाओं में 69.6 साल
  • एक महिला के अंतरराष्ट्रीय मानकों से भी कम सिर्फ 2 बच्चे
women Men Population महिला जनसंख्या Fertility Rate प्रजनन दर Sex Ratio लिंगानुपात पुरुष
Advertisment
Advertisment
Advertisment