गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल काॅलेज (बीआरडी) में बच्चों की मौत के मामले में इंसेफलाइटिस वार्ड के इंचार्ज डाॅक्टर कफील की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है।
इस हादसे के बाद गिरफ्तार किये गए डॉ. कफील को इलाहबाद हाई कोर्ट से झटका लगा है। डॉ. अहमद की याचिका को कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। दायर की गयी याचिका में गिरफ्तारी पर रोक और साथ में एफआईआर रद्द करने की मांग की गई थी।
डॉ. कफील अहमद के साथ असिस्टेंट अकाउंटेंट संजय त्रिपातु की अर्जी को भी कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है।
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गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत और लापरवाही को लेकर इन्हे गिरफ्तार किया गया है। जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अनिरुद्ध सिंह की खण्डपीठ ने ये आदेश दिया है।
डॉ. कफ़ील ने ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से जुड़ी जानकारी और बकाया को लेकर कंपनी की तरफ से दी जा रही वार्निंग की जानकारी भी गोरखपुर प्रशासन को नहीं दी थी।
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डॉक्टर कफ़ील अहमद सोशल मीडिया पर बने थे मसीहा
डॉक्टर कफ़ील अहमद खान इंसेफेलाइटिस डिपार्टमेंट के इंचार्ज और चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर थे और वहीं पर सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी।
गोरखपुर के स्थानीय अख़बारों के मुताबिक डॉ. कफ़ील बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने पर एटीएम से पैसे निकालकर रातभर ऑक्सीजन सिलेंडर की जुगत करते रहे थे।
उनके इस जीतोड़ प्रयास की वजह से सोशल मीडिया पर भी उनकर जमकर तारीफ की जा रही थी। अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक जनवरी में 152, फरवरी में 122, मार्च में 159, अप्रैल में 123, मई में 139, जून में 137, जुलाई में 128 और अगस्त में सबसे ज्यादा 325 बच्चों की मौत हो चुकी है। सितंबर महीने के सिर्फ बीते दो दिनों में अस्पताल में 32 बच्चों ने दम तोड़ा है।
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Source : News Nation Bureau