गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से हुई 60 मौत पर जिला अधिकारी (डीएम) ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दी है। रिपोर्ट में ऑक्सीजन सप्लाई में रुकावट होने की बात स्वीकार की गई है।
गौरतलब है कि योगी सरकार इस हादसे के लिए ऑक्सीजन की कमी को खारिज करती रही है। रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसपल आर के मिश्रा, ऑक्सजीन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स, एनेसथीसिया डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ सतीश को इसके लिए प्राथमिकत तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है।
रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज के चीफ फार्मेसिस्ट गजानन जायसवाल को भी प्राथमिक तौर पर दोषी ठहराया गया है। डीएम ने रिपोर्ट में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा को इस मामले के लिए मुख्य तौर पर जिम्मेदार ठहराया है।
राजीव मिश्रा को कंपनी को बकाया रुपया भुगतान न करने के लिए दोषी ठहराया गया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के बाद प्रिंसिपल राजीव मिश्रा को लापरवाही और प्रशासनिक कमियों के चलते पहले ही निलंबित कर दिया गया था।
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रिपोर्ट में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल प्राइवेट लिमिटेड, ऑक्सीजन यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर सतीश और ऑक्सीजन खरीदने वाली समिति के अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं इस मामले में डॉक्टर कफील को क्लीन चिट दे दी गई है।
जांच रिपोर्ट में बालरोग विभाग के प्रमुख डॉक्टर कफील खान को सरकार ने उनके पद से हटा दिया था।
हालांकि ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाले फर्म का कहना है कि अस्पताल को ऑक्सीजन की आपूर्ति का अनुबंध मार्च में ही समाप्त हो गया था। उसके बाद अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया गया।
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HIGHLIGHTS
- गोरखपुर हादसे के लिए पूर्व प्रिंसपल आर के मिश्रा समेत 4 जिम्मेदार
- गोरखपुर जिला के डीएम ने मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी जांच रिपोर्ट
Source : News Nation Bureau