गलवान घाटी पर चीन के साथ एलएसी को लेकर हो रहे विवाद पर प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. गलवान घाटी सीमा पर चीन के साथ विवाद को लेकर पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक में इस बात का दावा किया था कि हमारी जमीन में कोई न घुसा है, न घुसा था. इस बयान को आधार बनाकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को घेरा. राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम ने चीन के आक्रामक रवैये के सामने देश की जमीन चीन के हवाले कर दी है इसके अलावा राहुल गांधी ने कई और सवाल भी खड़े किए. वहीं राहुल गांधी के आरोपों के बाद अब पीएमओ से पीएम मोदी के बयान को लेकर सफाई दी गई है.
PMO ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी के बयानों को लेकर विवाद खड़ा होता देखकर सफाई दी है. पीएमओ ने पीएम के बयान को तोड़-मरोड़कर व्याख्या करने के प्रयास का आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री ने यह साफ कर दिया था कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) को बदलने के किसी भी प्रयास का भारत मजबूती से जवाब देगा. ऐसी चुनौतियों का भारतीय सेना पहले की अपेक्षा मजबूती से सामना करती है.
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पीएमओ ने दी सफाई
शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी के बयान को लेकर पीएमओ की ओर से कहा गया है कि बैठक में यह जानकारी भी दी गई कि इस बार चीनी सेना इस बार कहीं अधिक ताकत के साथ एलएसी पर आई. साथ ही पीएमओ ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा है कि 15 जून को गलवान में हिंसा हुई थी, क्योंकि चीनी सैनिक एलएसी पर अलग संरचना तैयार कर रहे थे. जब भारतीय सैनिकों को ने चीनी सैनिकों को इस तरह के कार्य को रोकने की कोशिश की तब चीनी सैनिकों ने इसे मानने से इनकार कर दिया. प्रधानमंत्री के बयान 15 जून को गलवान में हुई घटना पर आधारित थे, जिसमें 20 सैनिकों की जान चली गई थी.
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झड़प के कुछ घंटे बाद ही बना दिया नदी पर पुल
मीडिया में आई जानकारी के अनुसार 15 जून की रात को गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुए हिंसक हमले के कुछ ही घंटों बाद, जिसमें 20 भारतीय सेना के जवान और अज्ञात संख्या में चीनी सेना के जवान मारे गए थे, उस वक्त भारतीय सेना के जावांज इंजीनियरों को बिना रुके तेजी के साथ गलवान नदी पर एक पुल का निर्माण पूरा करेने का आदेश मिला था. जानकारी के अनुसार यह 60-मीटर का पुल, कनेक्टिविटी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो भारतीय सैन्य इकाइयों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास के बिंदुओं तक तेजी से पहुंचने की रास्ता प्रदान करता है. गुरुवार दोपहर सेना ने इसे दो घंटे की अवधि में वाहनों के परीक्षण के साथ समाप्त कर दिया था.