सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल समिति ने चीफ आफ डिफेंस स्टाफ :सीडीएस: के सृजन को मंगलवार को मंजूरी प्रदान कर दी . आधिकारिक सूत्रों ने इस आशय की जानकारी दी . 1999 में कारगिल समीक्षा समिति ने सरकार को एकल सैन्य सलाहकार के तौर पर चीफ आफ डिफेंस स्टाफ के सृजन का सुझाव दिया था . सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी . इस समिति ने सीडीएस की जिम्मेदारियों और ढांचे को अंतिम रूप दिया था. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को घोषणा की थी कि भारत में तीनों सेना के प्रमुख के रूप में सीडीएस होगा.
Government Sources: Armed forces will fall under ambit of Dept of Military Affairs which will have appropriate expertise to manage military affairs. Chief of Defence Staff will head it.
The Dept of Military Affairs will have appropriate mix of civilian and military officers https://t.co/gcSkoeaAca— ANI (@ANI) December 24, 2019
चीफ डिफेंस स्टाफ के पद की मंजूरी मिलने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है. देश में उच्च रक्षा प्रबंधन में सुधारों की शुरुआत के लिए यह सराहनीय कदम है. सरकार ने रक्षा मंत्रालय के भीतर रक्षा मंत्रालय के प्रमुख का पद बनाने और सैन्य मामलों का विभाग बनाने का निर्णय लिया है.
Defence Minister Rajnath Singh: In a historic decision for ushering in reforms in higher defence management in the country, the Government has decided to create a post of Chief of Defence Staff and to create a Department of Military Affairs, within the Ministry of Defence (MoD). pic.twitter.com/L7FMb7UTpw
— ANI (@ANI) December 24, 2019
इसको लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के सृजन को मंजूरी दे दी है. रक्षा स्टाफ के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जाने वाला अधिकारी फोर स्टार जनरल होगा और सैन्य मामलों के विभाग का प्रमुख भी होगा. सशस्त्र बल सैन्य मामलों के प्रबंधन के लिए उपयुक्त विशेषज्ञता वाले सैन्य मामलों के दायरे में आएंगे. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ इसे संभालेंगे. इसकी जानकारी सरकार के सूत्रों से मिली है.
Government Sources: Chief of Defence Staff will act as Principal Military Adviser to Defence Minister on tri-services matters. The three Chiefs will continue to advise Defence Minister on matters exclusively concerning their respective services. https://t.co/EqVOxo4CpG
— ANI (@ANI) December 24, 2019
सैन्य मामलों के विभाग में नागरिक और सैन्य अधिकारियों का मिक्स होगा. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सैन्य मामलों के प्रबंधन संभालेंगे. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ तीनों सेना प्रमुखों सहित किसी भी सैन्य कमान का प्रयोग नहीं करेंगे. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ त्रिकोणीय सेवाओं के मामलों पर रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे. तीनों प्रमुख अपने संबंधित सेवाओं से संबंधित मामलों पर रक्षा मंत्री को सलाह देना जारी रखेंगे.
Govt Sources: CDS post would be held by a four-star General and he would not be eligible to hold any Government office after demitting the office of CDS. He will also not hold any private employment without prior approval for period of 5 years after demitting office of CDS.
— ANI (@ANI) December 24, 2019
सीडीएस पद एक फोर स्टार जनरल द्वारा आयोजित किया जाएगा और वह सीडीएस के कार्यालय को समाप्त करने के बाद किसी भी सरकारी कार्यालय को रखने के लिए पात्र नहीं होगा. वह सीडीएस के पद से हटने के बाद 5 साल की पूर्व स्वीकृति के बिना कोई निजी रोजगार भी नहीं रखेगा.
रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख के तहत सैन्य मामलों का विभाग संयुक्त/थिएटर कमांड की स्थापना के माध्यम से संचालन में संयुक्तता लाकर, संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए सैन्य आदेशों के पुनर्गठन की सुविधा प्रदान करेगा. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की भी दूसरी भूमिका होगी, जो चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष होंगे. इस भूमिका में, सीडीएस को एकीकृत रक्षा स्टाफ द्वारा समर्थित किया जाएगा.
Government Sources: Chief of Defence Staff will also have a second role, will be the permanent Chairman of the Chiefs of Staff Committee. In this role, the CDS will be supported by the Integrated Defence Staff. pic.twitter.com/P1GLdTobYP
— ANI (@ANI) December 24, 2019
Source : News Nation Bureau