केंद्र सरकार भ्रामक विज्ञापनों को लेकर एक्शन मोड़ में आ गई है. भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए है गए हैं. जिनके मुताबिक सरोगेट विज्ञापनों को प्रतिबंधित किया गया है. साथ ही बच्चों को टार्गेट करने वाले विज्ञापनों और दूसरे विज्ञापनों के लिए शर्तें निर्धारित की गई हैं. ये दिशानिर्देश आज से ही लागू हो गए हैं. दिशानिर्देश सभी विज्ञापनों पर लागू होंगे, चाहे फॉर्म, प्रारूप या माध्यम कुछ भी हो. आपको बता दें कि ये दिशा निर्देश निर्माता, सेवा प्रदाता या व्यापारी जिसका सामान, उत्पाद या सेवा का विज्ञापन हो रहा हो, या एक विज्ञापन एजेंसी और एंडोर्सर पर लागू होगा, जिसका इस्तेमाल उस सामान उत्पाद या सेवा के विज्ञापन के लिए किया गया है. विज्ञापन में अगर उत्पाद को लेकर गलत दावा किया जाता है, तो इसके लिए विज्ञापनदाता के साथ ही विज्ञापनकर्ता और उत्पादक भी किए गए दावे के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे.
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गाइडलाइन के मुताबिक विज्ञापनकर्ता को डिस्क्लेमर में उत्पाद और इसके फायदों के बारे में साफ तौर पर बताना होगा. साथ ही किए गए दावे के बारे में डिस्क्लेमर में बताना होगा अगर किसी दूसरे विज्ञापन में कुछ कहा गया है, और उसे सही बताने के लिए डिस्क्लेमर दिया जा रहा है तो इसे भ्रामक और गलत माना जाएगा. यही नहीं टर्म एंड कंडीशन में अगर किसी चीज को फ्री बताया गया है तो डिस्क्लेमर में भी उसके बारे में फ्री लिखा होना चाहिए. अगर फ्री बताकर प्रचार किया जा रहा है तो ये बताना होगा कि दरअसल उस उत्पाद के लिए कितना समान काफी है. विज्ञापन में फ्री बताकर साथ में शर्तें लागू वाली बात भी कही जा रही है तो इसे मिसलीडिंग माना जाएगा. विज्ञापन में धमकी या जल्दी खरीदने की बात भी नहीं कही जा सकती है.
ये गाइडलाइन्स आज से ही लागू हो गई हैं, गाइडलाइंस को जारी करने के पीछे सरकार का मक्सद उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना है इसके अलावा व्यापार के गलत तरीकों पर रोक लगाने के साथ भ्रामक दावों पर रोक लगाना है.
Source : Rumman Ullah Khan