संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने गुरुवार को कहा कि सरकार विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले मामलों समेत सभी मसलों पर संसद में विचार-विमर्श करने को तैयार है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह सभी सांसदों से अपना पूरे सत्र के दौरान संदन में रहने और संसद के कामकाज को निपटाने में हिस्सा लेने का आग्रह करते हैं।
अनंत कुमार से जब यह पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह पर लगाए गए आरोप और पाकिस्तानी कूटनीतिज्ञों के साथ बैठक के मसले उठाए जाने पर संसद के कामकाज में बाधा आएगी, तो उन्होंने कहा, 'सरकार किसी भी मसले पर बहस के लिए तैयार है। प्रतिपक्ष की ओर से कई मुद्दे उठाए जाएंगे। जाहिर है कि सरकार उन पर जवाब देगी।'
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, 'संसद को चलने देना विपक्ष की भी जिम्मेदारी है। सुचारु रूप से संसद चलने को लेकर प्रधानमंत्री ने विपक्ष से सहयोग की मांग की है।'
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सबसे महत्वपूर्ण कार्य अनुदान पूरक मांग होगा, जोकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद पहला कार्य होगा।
इसके अलावा संवैधानिक निकाय के तौर पर राष्ट्रीय पिछड़ा वग आयोग की स्थापना करने के लिए 123वां संविधान संशोधन और तीन तलाक के खिलाफ विधेयक भी इस सत्र में शामिल है।
साथ ही, सरकार तीन अध्यादेशों को भी कानूनी अमलीजामा प्रदान करना चाहेगी। इनमें राज्यों के लिए जीएसटी में क्षतिपूर्ति, भारतीय वन अधिनियम और ऋणशोधन व दिवालायपन नियावाली संशोधन भी शामिल हैं।
हालांकि हमले के मूड में विपक्ष मनमोहन सिंह, पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी और अन्य के खिलाफ मोदी के आरोपों को लेकर निशाना साधने को तैयार है।
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इसके अलावा पुराने समाजवादी नेता शरद यादव और अली अनवर अंसारी को अयोग्य ठहराने के मुद्दे भी उठाए जा सकते हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व सेना प्रमुख और कुछ अवकाश प्राप्त कूटनीतिज्ञों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं कि वे पाकिस्तान के साथ साजिश में शामिल थे। सरकार को संसद को अवश्य बताना होगा कि यह किस प्रकार की साजिश थी।'
राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता आजाद ने कहा, 'अगर आरोप सच हैं तो सरकार को अवश्य कार्रवाई करनी चाहिए। अगर ये आरोप झूठे हैं तो इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाने वालों को दंडित किया जाना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हर चुनाव में पाकिस्तान क्यों याद आता है। ये वही लोग हैं जो बिना बुलाए पाकिस्तान जाते हैं और उनसे दोस्ती करते हैं।'
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लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने हैरानी जताई कि सरकार किस प्रकार महज 14 दिन में 25 विधेयकों पर न्याय करेंगे।
उन्होंने कहा, 'संसद के सत्र का मतलब महज सरकार के कार्यो को पूरा करना नहीं है। विपक्ष के मसलों के अलावा जनता से जुड़े कई मामले होते हैं जिनपर विचार विमर्श करने की जरूरत होती है।'
विपक्ष ने सरकार की उस दलील हो खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि इससे पहले भी संसद का शीतकालीन सत्र विलंबित व संक्षिप्त रहा है। उनका आरोप है कि सरकार ने जान-बूझकर सत्र देर बुलाया और इसकी अवधि छोटी कर दी है, क्योंकि प्रधानमंत्री समेत पूरा मंत्रिमंडल गुजरात में चुनाव प्रचार में व्यस्त था।
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अनंत कुमार ने हालांकि कहा कि वह संसद के सदस्य से 14 दिन के पूरे सत्र के दौरान संसद में अपना पूरा समय देने का आग्रह करेंगे।
उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ वर्षो में संसद की उत्पादकता में बढ़ोतरी हुई है। हम आशा करते हैं कि यह सत्र भी सुचारु व उत्पादक रहेगा।'
सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार और उनके सहयोगी विजय गोयल व अर्जुन मेघवाल मौजूद थे।
बैठक में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मल्लिकार्जुन खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नेशनल कान्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी. राजा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल और राष्ट्रवादी पार्टी के तारिक अनवर भी शामिल हुए थे।
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Source : IANS