केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2021’ की शुरुआत की और कहा कि इस साल कवायद में अपशिष्ट जल के निस्तारण और अन्य मापदंडों पर ध्यान रहेगा. यह छठा वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण होगा. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के मुताबिक सर्वेक्षण के तहत राज्यों की रैंकिंग की भी घोषणा होगी. इसके तहत कोष के इस्तेमाल और स्थानीय निकाय संस्थाओं को मदद समेत अन्य पहलुओं पर गौर किया जाएगा.
यह भी पढ़ें-
कार्यक्रम में आवास और शहरी मामलों के मंत्री पुरी ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में हर साल नये आयामों को शामिल किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल की तरह स्वच्छता कड़ी की निरंतरता सुनश्चित करने की दिशा में मंत्रालय के प्रयासों के तहत स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 का संकेतक अपशिष्ट जल के निस्तारण और फिर से इसे इस्तेमाल योग्य बनाने पर केंद्रित होगा.
यह भी पढ़ें- जापान ने चीन को दिया बड़ा झटका, लद्दाख गतिरोध मामले में भारत का दिया साथ
’’ मंत्री ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2021’ के तहत सम्मान की एक नयी श्रेणी की भी घोषणा की गयी. इस सम्मान के तहत पांच अतिरिक्त उप श्रेणी -दिव्य (प्लैटिनम), अनुपम (गोल्ड), उज्जवल (सिल्वर), उदित (ब्रॉन्ज), आरोही (एस्पायरिंग) होगी. सर्वेक्षण के तहत छह संकेतक आधारित प्रदर्शन पर शहरों को श्रेणीबद्ध किया जाएगा.
इसमें गीले, शुष्क और खतरनाक अपशिष्ट को अलग करने, गीले अपशिष्ट के निपटान की प्रक्रिया, गीले और शुष्क अपशिष्ट का निपटान और पुनर्चक्रण, निर्माण मलबा का निस्तारण, कचरा स्थल पर फेंके जाने वाले कचरा की मात्रा और शहरों की सफाई की स्थिति पर गौर किया जाएगा.
यह भी पढ़ें- दिल्ली-NCR और राजस्थान में महसूस किए गए भूकंप के झटके
मंत्रालय ने कहा कि ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2020’ में 1.87 करोड़ नागरिकों की भागीदारी हुई थी. वर्ष 2018 का स्वच्छता सर्वेक्षण विश्व का सबसे बड़ा सर्वेक्षण था. इसमें 4203 शहरों की रैंकिंग की गयी थी. बयान में बताया गया कि ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2019’ में ना केवल 4237 शहरों को शामिल किया गया बल्कि पहली बार रिकार्ड 28 दिनों में संपन्न होने वाला डिजिटल सर्वेक्षण था.
Source : News Nation Bureau