Advertisment

कांग्रेस की मांग,पेट्रोलियम उत्पादों को GST के तहत लाए सरकार

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में निरंतर वृद्धि पर सवाल उठाया और मांग की कि इसे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाना चाहिए।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
कांग्रेस की मांग,पेट्रोलियम उत्पादों को GST के तहत लाए सरकार

(फाइल फोटो)

Advertisment

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में निरंतर वृद्धि पर सवाल उठाया और मांग की कि इसे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाना चाहिए।

पार्टी ने केंद्र सरकार से पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क को तुरंत कम करने के लिए कहा और मांग की कि बीजेपी शासित राज्य सरकारों को आम जनता को राहत प्रदान करने के लिए मूल्यवर्धित कर (वैट) और अन्य करों में कमी करनी चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि 2014 के मई में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 432 फीसदी और डीजल पर 433 फीसदी की वृद्धि की गई है, जबकि केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 12 गुना बढ़ोतरी कर दी गई है।

उन्होंने कहा, '26 मई, 2014 को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 30 फीसदी से अधिक की कमी हुई है। (नरेंद्र) मोदी सरकार ने 2017 के दिसंबर तक पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय कर लगाकर 9.95 लाख करोड़ रुपये कमाए। यह अब 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। सारा पैसा कहां चला गया?'

और पढ़ें: जीएसटी के दायरे में लाए जाएं पेट्रोलियम उत्पाद: इंडियन ऑयल

उन्होंने कहा, 'जैसे ही कर्नाटक चुनाव खत्म हुए, सरकार ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया और रोज दाम बढ़ाने लगी।'

उन्होंने कहा, 'हमारी सबसे बड़ी मांग ईंधन की कीमतों को जीएसटी के तहत लाने की है, जो समान कराधान और सरल प्रक्रियात्मक अनुपालन का संकेत देगी।'

खेड़ा ने सवाल उठाया कि क्यों पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में ईंधन की कीमतें इतनी ऊंची रखी गई हैं।

उन्होंने कहा, 'भारत में पेट्रोल और डीजल क्रमश: 76-86 रुपये और 68-75 रुपये के दायरे में हैं, जबकि पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल की कीमत क्रमश: 50.67 रुपये और 57.06 रुपये है, जो श्रीलंका में 49.67 रुपये और 40.44 रुपये है।'

उन्होंने कहा कि नेपाल में यह क्रमश: 66.69 रुपये 54.73 रुपये और बांग्लादेश में 68.47 रुपये और 51.73 रुपये प्रति लीटर हैं।

उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार ने उस भरोसे को तोड़ा है, जो आम लोगों ने उस पर दिखाया था। यह ईंधन की कीमतों में वृद्धि को कम करने में बुरी तरह विफल रही है और सामान्य नागरिकों की कीमत पर खजाना भरने में व्यस्त है।'

वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और देश में सरकार द्वारा वसूले जा रहे उच्च उत्पाद शुल्क के कारण ही परिवहन ईंधन की कीमतें बढ़ रही हैं। मंगलवार को कच्चे तेल की कीमत 79 डॉलर प्रति बैरल थी। एक बैरल में 159 लीटर होता है।

दिल्ली और मुंबई में मंगलवार को पेट्रोल की कीमत क्रमश: 76.87 रुपये और 84.70 रुपये प्रति लीटर रही, जबकि कोलकाता में इसकी कीमत करीब पांच साल के उच्चतम 79.53 रुपये प्रति लीटर थी। चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 79.79 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं।

वहीं, डीजल की कीमत देश भर में नए रिकॉर्ड स्थापित कर रही है और अभूतपूर्व स्तर तक पहुंच गई है। मंगलवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल क्रमश: 68.08 रुपये, 70.63 रुपये, 72.48 रुपये और 71.87 रुपये प्रति लीटर पर बेचा गया।

और पढ़ें: कर्नाटक: 22 Cong,12 JDS नेता होंगे मंत्री, परमेश्वरा बनेंगे डिप्टी CM

Source : News Nation Bureau

congress GST Petro Price Petroleum product
Advertisment
Advertisment