गणतंत्र दिवस के अवसर देश भर के बहादुर बच्चों को दिए जाने वाले वीरता पुरस्कार पर तलवार लटकी हुई है. वीरता पुरस्कार का आयोजन करने वाली संस्था भारतीय बाल कल्याण परिषद (ICCW- Indian Council for Child Welfare) पर वित्तीय गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद भारत सरकार ने परिषद से कन्नी काट ली है. जिसके बाद देश में अब तक मिलते आ रहे वीरता पुरस्कार का नाम बदल कर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार कर दिया गया है.
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नाम को बदलने के साथ ही इस पुरस्कार में और भी कई बदलाव किए गए हैं. गणतंत्र दिवस के मौके पर दिया जाने वाला ये पुरस्कार अब सिर्फ बहादुर बच्चों को ही नहीं बल्कि इनोवेशन, सोशल सर्विस, स्कालेस्टिक, आर्ट एंड कल्चर और स्पोर्ट्स में अच्छा करने वाले बच्चों को भी दिया जाएगा. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए 26 बच्चों को नामित किया गया है, जो इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होंगे. जबकि ICCW के द्वारा नामित बच्चों को परेड में शामिल नहीं किया जाएगा.
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विवाद के बाद ICCW ने फैसला किया है कि वे अपने परिषद द्वारा चुने गए 21 बहादुर बच्चों को खुद ही वीरता पुरस्कार देगा. वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में ICCW पर दिल्ली के हाई कोर्ट में केस चल रहा है. शुक्रवार को ICCW ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें संस्था की अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ ने कहा कि सरकार द्वारा दिए जा रहे पुरस्कार सिर्फ बहादुरी के लिए नहीं है. जबकि हमारी संस्था केवल बहादुरी के लिए पुरस्कार देती थी.
Source : News Nation Bureau