आरबीआई से करोड़ों रुपये की पूंजी की मांग के मसले पर सरक़ार ने अपनी सफाई दी है. सरकार ने शुक्रवार को आरबीआई से करोड़ों रुपये की पूंजी की मांग की खबरों को खारिज कर दिया है. इस मामले पर सरकार का कहना है को उन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक से 3.6 लाख करोड़ रूपये की पूंजी की मांग नहीं की है, बल्कि आरबीआई की आर्थिक पूंजी ढांचा तय करने के बारे में सरकार चर्चा कर रही है.
वित्त मंत्रालय में आर्थिक विभाग के सचिव सुभाष गर्ग ने इस मामले पर ट्वीट किया. ट्वीट की श्रृंखला में उन्होंने सरकार द्वारा आरबीआई से पैसों की मांग को ख़ारिज किया. उन्होंने लिखा, 'मीडिया में गलत जानकारी वालीं अटकलें चल रही है. सरकार का राजकोषीय हिसाब किताब सही चल रहा है. सरकार ने आरबीआई से 3.6 लाख या एक करोड़ की मांग नहीं की है.'
एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा , 'वर्ष 2013-14 में सरकार का वित्तीय घाटा (फिस्कल डेफिसिट) जीडीपी के 5.1 प्रतिशत के बराबर था. उसके बाद से सरकार इसमें लगातार कमी करती आ रही है. हम वित्त वर्ष 2018-19 के अंत में वित्तीय घाटे को 3.3 तक सीमित कर देंगे.'
उन्होंने राजकोषीय लक्ष्यों को लेकर अटकलों को खारिज करते हुए कहा, 'सरकार ने दरअसल बजट में इस साल बाजार से कर्ज जुटाने का जो अनुमान रखा था उसमें 70000 करोड़ रुपय की कमी स्वयं ही कम कर दी है.'
बता दें कि राहुल गांधी ने 6 नवंबर को एक आर्टिकल शेयर करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस अध्यक्ष ने कटाक्ष करते हुए लिखा था कि अपने विलक्षण आर्थिक ज्ञान के कारण फैली अर्थव्यवस्था ठीक करने के लिए पीएम मोदी को रिज़र्व बैंक से करोड़ों रुपये की राशि की जरूरत पड़ गई