GPS Based Toll Tax System : दिल्ली में कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी ( Kabinet Minister Nitin Gadkari ) ने बड़ा बयान दिया है. नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार जीपीएस आधारित टोल टैक्स ( GPS Based Toll Tax System ) व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रही है, जो अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू कर दी गई है. अगले 6 माह में सरकार की कोशिश है कि मौजूदा कर व्यवस्था को सरकार जीपीएस बेस्ड व्यवस्था ( GPS Based Toll System ) से बदल दिया जाएगा. सरकार इसके लिए नई तकनीकी का प्रयोग करेगी. इससे न सिर्फ सड़कों पर दबाव कम होगा, बल्कि वाहन चालकों को दूरी के हिसाब से ही भुगतान करना होगा. यही नहीं, अब किसी सिस्टम की खराबी पर सड़कों पर भयंकर जाम नहीं लगेगा.
NHAI की कमाई में तेजी से होगी बढ़ोतरी
राजधानी दिल्ली में सीआईआई के एक कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari, Minister of Road Transport and Highways of India ) ने इस बारे में जानकारी दी. वो कारोबारियों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सड़कों और हाइवे पर भीड़ को कम करना होगा. इसके लिए टोल टैक्स व्यवस्था में सुधार करना होगा. उन्होंने बताया कि देश में इस समय सरकारी संस्था एनएचएआई ( National Highways Authority of India ) हर साल टोल टैक्स के दम पर 40 हजार करोड़ की सालाना कमाई कर रही है. सरकार की कोशिश है कि अगले दो-तीन सालों में NHAI की आय बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी. इसके लिए सरकार केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ( Miinisty of Road Transport and Highways of India ) एक पायलट प्रोजेक्ट भी चला रहा है.
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नंबर प्लेट की पहचान कर काटा जाएगा टोल टैक्स
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय ऑटोमेटिक कैमरों के लिए वाहनों के नंबर प्लेट की पहचान के आधार पर टोल टैक्स की वसूली की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. ऐसे में गाड़ियों को रोके बिना ही टोल टैक्स कट जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, फास्ट टैग योजना लागू होने से पहले हर टोल प्लाजा पर औसत गाड़ियों का वेटिंग पीरियड 8 मिनट का था. लेकिन साल 2020-21 और 2021-22 के दौरान यह समय घटकर 47 सेकेंड रह गया है.
HIGHLIGHTS
- जीपीएस बेस्ट टोल टैक्स सर्विस विकसित कर रही सरकार
- केंद्र सरकार तेजी से पायलट प्रोजेक्ट पर कर रही काम
- अगले 6 माह में मौजूदा सिस्टम की जगह ले लेगा नया सिस्टम