राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनियां ने किसी भी मामले की सीबीआई द्वारा से पहले राज्य सरकार की पूर्वानुमति अनिवार्य करने संबंधी अधिसूचना पर सवाल उठाते हुए सोमवार को कहा कि सरकार के इस फैसले से स्पष्ट है कि ‘दाल में कुछ काला है.’ अधिसूचना के संबंध में यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पुनियां ने कहा, ‘‘राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार, उसकी सहमति के बाद ही सीबीआई किसी भी मामले की जांच कर सकेगी, पहले कुछ विशेष मामलों में सीबीआई प्रदेश सरकार की पूर्वानुमति के बिना भी सीधे तौर पर जांच कर सकती थी.
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लेकिन 19 जुलाई को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर अब सभी मामलों में राज्य सरकार की पूर्वानुमति अनिवार्य कर दी है.’’ पूनियां ने कहा, ‘‘इससे स्पष्ट है कि दाल में कुछ काला है और मुख्यमंत्री ने कुछ छिपाने के लिये ऐसा फैसला लिया है.’’
राजस्थान भाजपा के कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में पूनियां ने कहा कि राजस्थान के इस राजनीतिक ड्रामे में नायक और खलनायक दोनों कांग्रेस है, लेकिन वह तोहमत भाजपा पर लगाते हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सचिन पायलट के खिलाफ दिये गये बयान पर पूनियां ने सवाल किया, अगर कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष अपनी पार्टी छोड़ता है तो इसमें भाजपा का हाथ कैसे हो सकता है?
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उन्होंने कहा, ‘‘यह कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी झगड़ा है जो अब सबके सामने आ चुका है, मुख्यमंत्री के अहंकार के कारण प्रदेश में कांग्रेस का बिखराब हुआ है.’’ पूनियां के मानेसर जाने को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत की टिप्पणी पर भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ना तो मैं मानेसर गया और ना ही सचिन पायलट खेमे के किसी विधायक से मिला, मुख्यमंत्री गहलोत का यह बयान तथ्यहीन और आधारहीन है, चाहे तो किसी भी सरकारी एजेंसी से जांच करा लें.’’
Source : News Nation Bureau