केंद्र सरकार ने सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की घोषणा की है. इसके साथ ही आरबीआई के माध्यम से सरकारी क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के भी संकेत दिए हैं. 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन में इसको लेकर क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) पेश किया जाएगा. वहीं, प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन ने उन लाखों निवेशकों के दिल की धड़कन बढ़ा दी है, जिन्होंने हजारों करोड़ रुपया क्रिप्टो मार्केट में निवेश कर रखा है. ऐसे क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े हर सवाल का जवाब दे रहे हैं अर्थशास्त्र के जानकार और न्यूज नेशन के एडिटर-इन-चीफ मनोज गैरोला....
सवाल: क्या भारत में क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह से बैन हो जाएगी?
अभी तक जो जानकारी सामने आई हैं. उसमें यही बात सामने आई है कि सरकार सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देगी. अगर हम ओनरशिप की बात करें तो आज मार्केट में जो भी क्रिप्टोकरेंसी संचालित हैं, उनमें सरकारी क्रिप्टोकरेंसी कोई भी नहीं है. इसलिए सारी की सारी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगेगा. लेकिन तो भी जब संसद में बिल पेश होगा तभी हमें पता चलेगा कि सरकार ने प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को कैसे परिभाषित किया है.
सवाल: बैन लग गया तो क्या निवेशकों का पूरा पैसा डूब जाएगा?
हमारे देश में जो अथॅारिटी में क्या पावर है. अगर आरबीआई इसको रेगुलेट करती है तो हद से हद ये कर सकती है कि भारतीय बैंकों के माध्यम से इसका ट्रांजेक्शन नहीं होगा. मसलन, क्रिप्टो एक्सचेंज जहां से क्रिप्टोकरेंसी खरीदी या बेची जाती है वो अब भारतीय बैंकों के जरिए नहीं कर पाएंगे. हालांकि बाहरी देश जहां क्रिप्टोकरेंसी की इजाजत है वहां से इसको इसको खरीदा जा सकता है.
सवाल: क्या सरकार इसके लिए निवेशकों को कुछ समय देगी?
आज की डेट में एग्जिट विंडो हैं. सबको पता है इसमें कुछ होने वाला नहीं है. सबको मालूम है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. अगर किसी को एग्जिट करता है तो यह बिल्कुल ठीक समय है. जब भी आप किसी असेट में निवेश करते हैं तो आपको पता होता है कि इसमें रिस्क क्या क्या हैं. जब आप शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो सेबी को इसके नुकसान के बारे में बताना होता है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के साथ ऐसा नहीं है. क्योंकि क्रिप्टोरेगुलेट नहीं होती.
सवाल: क्रिप्टो मार्केट को कौन रेगूलेट करेगा?
अभी तक जो भी जानकारी आई है उसमें हमें नहीं पता कि क्रिप्टो को किस फॉर्म में रेगुलेट करेंगे या फिर क्रिप्टो को हम किस असेट क्लास में रखेंगे. करेंसी एक लीगल टेंडर होता है जो कि सरकार जारी करती है. जैसे कि हमारा रुपया. रुपए को सरकार ने जारी किया है. करेंसी की वैल्यू सरकार तय करती है. उसके कई सारे पैरामीटर होते हैं. अगर सरकार कोई क्रिप्टोकरेंसी लेकर आती है तो यह एक डिजिटल करेंसी होगी. यह ब्लॉक चेन तकनीक पर आधारित है.
सवाल: सरकार या आरबीआई की जारी होने वाली करेंसी कैसी होगी?
अगर हमारे देश में आरबीआई को कोई क्रिप्टोकरेंसी लेकर आता है तो यह डिजिटल करेंसी होगा जो कि ब्लॉक चेन करेंसी बेस्ड है. जिसका हमें यह पता चल सकता है कि इसका लेनदेन कितने बजे और कहां से कहां पर हुआ. इस केस में KYC के माध्यम से हमें यह पता रहेगा कि उस करेंसी का मालिक कौन है और किसके हाथ में वो पैसा गया.
सवाल: किन मुद्दों पर सरकार को अभी सफाई देने की जरूरत?
हमें पार्लियामेंट में पेश होने वाले बिल का इंतजार करना पड़ेगा. जिससे हमें पता चलेगा कि सरकार चाहती क्या है. लेकिन सरकार के सामने चिंता का विषय यह है कि क्रिप्टो मार्केट में भारतीयों का जो करोड़ों रुपया लगा है वो सारा का सारा डूबेगा. दूसरी बात यह कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल आज पैसे को बाहर भेजने में भी किया जा रहा है. क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल टेरर फंडिंग और मनी लॉंड्रिंग में भी किया जा सकता है. लेकिन क्रिप्टो बैन हो गई तो बाहर का पैसा हिंदुस्तान में नहीं आएगा और इंडिया का पैसा बाहर नहीं जाएगा. इसके साथ ही कर संबंधी भी अपने मामले हैं.
Source : News Nation Bureau