कृषि कानून वापस लेने से इनकार, किसानों को आज लिखित प्रस्ताव देगी सरकार

आज की बैठक से पहले सरकार की तरफ से किसानों के पास एक प्रस्ताव फिर से भेजा जाएगा. सरकार किसानों को लिखित प्रस्ताव भेजेगी.

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Dalchand Kumar
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कृषि कानून वापस लेने से इनकार, किसानों को आज लिखित प्रस्ताव देगी सरकार( Photo Credit : फाइल फोटो)

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नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर आज एक बार फिर किसानों और सरकार के बीच वार्ता होने जा रही है. किसानों और सरकार के बीच यह छठे दौर की वार्ता है. अभी तक इससे पहले की बातचीत बेनतीजा रही हैं. आज की बैठक से पहले सरकार की तरफ से किसानों के पास एक प्रस्ताव फिर से भेजा जाएगा. सरकार किसानों को लिखित प्रस्ताव भेजेगी. इस प्रस्ताव को लेकर किसान बैठक करेंगे और आगे रणनीति तय करेंगे. माना जा रहा है कि सरकार आज किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लिखित आश्वासन दे सकती है.

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अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने बताया कि सरकार जिन संशोधनों के पक्ष में हैं, उन्हें लिखित में देगी. हम लिखित संशोधनों को लेकर सभी 40 किसान यूनियनों से चर्चा करने के बाद बैठक में शामिल होने के बारे में फैसला लेंगे. वहीं कुछ किसान नेताओं का कहना है कि प्रस्तावित बैठक में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता है. किसान नेताओं ने साफ कर कर दिया है कि बिल वापसी से कम उन्हें कुछ नहीं चाहिए.

इससे पहले 13 किसान नेताओं को मंगलवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की, जिसमें भी कोई हल नहीं निकल सका. बैठक रात 8 बजे आरंभ हुई. किसान नेताओं में 8 पंजाब से थे, जबकि 5 देश भर के अन्य किसान संगठनों से जुड़े थे. सरकार की ओर से प्रदर्शनकारी किसानों से जारी वार्ता का नेतृत्व करने वाले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा में हुई बैठक में मौजूद रहे.

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मालूम हो कि अब तक सरकार और किसानों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, जिसमें कोई सफलता नहीं मिली. मंगलवार को किसानों ने भारत बंद के तहत देशभर में चक्का जाम किया था. किसानों के ‘भारत बंद’ को ट्रेड यूनियनों, अन्य संगठनों और कांग्रेस सहित 24 विपक्षी दलों का समर्थन मिला. सरकार कानूनों में संशोधन की इच्छा जता चुकी है और कई तरह के आश्वासन भी दे चुकी है, लेकिन किसान संगठन नए कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं.

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