अगर आप किसान हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लें. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi) के तहत सालाना छह हजार रूपये केंद्र सरकार दे रही है. लेकिन अब केंद्र सरकार ने यह पैसा वापस लेने का फैसला किया है. डरिए नहीं, यह पैसा किसी आम किसान से वापस नहीं लिया जाएगा. बल्कि उन लोगों से लिया जाएगा जो कागजों में गड़बड़ी करके सरकार को चूना लगाना चाह रहे हैं. ऐसा करने वालों पर मोदी सरकार सख्त हो गई है.
लाभार्थियों के नामों और उनके बैंक खातों में का रिकॉर्ड मेल नहीं खा रहा था. मतलब बैंक अकाउंट और खेत के मालिक के नाम के बीच अंतर पाया गया. इस कारण केंद्र सरकार ने इन फर्जी किसानों से पैसा वापस ले लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि बिना वेरीफिकेशन के ही पैसा जमा हो गया था.
इस स्कीम का पैसा केंद्र सरकार के खाते से किसानों के बैंक अकाउंट में सीधे नहीं जा रहा था. पहले केंद्र राज्यों के अकाउंट में पैसा भेजती है, जहां से किसानों के खातों में पैसा भेजा जाता है. सूत्रों का कहना है कि वेरीफिकेशन किए बिना ही 1.19 लाख बैंक खातों में 2000 रुपये की किश्त जमा करा दी गई थी. लेकिन जब डाटा वेरीफिकेशन शुरु हुआ तो इस तरह की गलती पकड़ में आ गई. गलत तरीके से किसी तरह की सेटिंग करके स्कीम का फायदा उठाने वालों का पैसा वापस कर लिया जाएगा.
ऐसे वापस होगा पैसा
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्यों को एक पत्र लिख कर कहा था कि अगर अपात्रों को इस योजना का लाभ मिलता है तो उनका कैसे वापस होगा. इस योजना के सीईओ विवेक अग्रवाल ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा था कि इतनी बड़ी योजना में गड़बड़ी की संभावना बनी रहती है. अगर अपात्रों के खातों में पैसा जाता है तो बैंक उसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) से वापस ले लिया जाएगा. बैंक इस पैसे को एक अलग खाते में जमा कराएगी और पैसा राज्य सरकारों को वापस भेजेगी. अगली किश्त जारी होने से पहले अपात्रों का नाम हटाया जाएगा.
Source : News Nation Bureau