सरकार ने साफ किया है कि डिजिटल ट्राजैक्शंस को बढ़ावा देने का मतलब नकदी लेन-देन की व्यवस्था को खत्म करना नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसदीय सलाहकार समिति की 5 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा, 'डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने का यह मतलब कतई नहीं है कि सरकार नकद लेन-देन को बंद करना चाहती है।'
जेटली ने कहा, 'सरकार का मकसद कैश के लेन-देन को कम करना है ना कि खत्म करना। कोई भी अर्थव्यवस्था पूरी तरह कैशलेस कभी नहीं हो सकती।'
वित्त मंत्री ने कहा, 'सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना चाहती है। इसके अच्छे सामाजिक और आर्थिक परिणाम हो सकते हैं। इसलिए उन्होंने सांसदों से अपील की वह अपने इलाके में लोगों को कैशलेस ट्रांजैक्शंस के फायदा बता कर उन्हें डिजिटल पेमेंट के लिए प्रेरित करें।'
जेटली ने कहा, 'केंद्र सरकार और आरबीआई मिलकर डिजिटल लेन-देन के लागत को कम करने के लिए लगातार काम कर रही है और सरकार ने कुछ जरूरी कदम भी उठाए हैं।'
वित्त मंत्री के मुताबिक देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के मकसद से ही सरकार ने गुरुवार को कई प्रोत्साहन पुरस्कार देने की भी घोषणा की है। जेटली के मुताबिक सरकार की डिजिटल पेमेंट की मुहिम रंग भी ला रही है।
अरुण जेटली ने ये भी कहा, 'कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने छोटे-बड़े कारोबारियों को लगाई जाने वाली बट्टे की दर को भी कम कर दिया है ताकि वो ज्यादा से ज्यादा मशीन से पेमेंट ले सकें।'
जेटली ने कहा, 'सरकार डिजिटल ट्रांजैक्शन को साइबर अटैक और हैकरों से बचाने के लिए भी काम कर रही है। कुछ ही दिनों में सरकार ऐसी प्रणाली बना लेगी जिससे कैशलेस ट्रांजैक्शन को पहले से और ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सके।'
इसी के साथ जेटली ने भी कहा, 'दुकानदारों तक कार्ड से पेमेंट के लिए जरूरी स्वाइप मशीन पहुंचाने के लिए सरकार ने इनके दामों में भी कमी कर दी है।'
HIGHLIGHTS
- सरकार का मकसद डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ाना, कैश लेन-देन को खत्म करना नहीं:जेटली
- संसदीय सलाहकार समिति की 5 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने कहा
Source : News Nation Bureau