सवर्णों की पार्टी कही जाने वाली भाजपा ने प्रमोशन में आरक्षण रद्द करने के मामले में बहुत ही सतर्क नजर आ रही है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर प्रमोशन में आरक्षण का बचाव किया है. सरकार ने दलील दी है कि प्रमोशन में आरक्षण को समाप्त करने पर अराजकता की स्थिति पैदा हो जाएगी. सरकरा ने हलफनामे में कहा है कि 2007 से 2020 के बीच लगभग 4.5 लाख कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण का फायदा मिला है.
आरक्षण से छेड़छाड़ से फैल सकती है अशांति
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि 2007 से लेकर 2020 तक लगभग साढ़े चार लाख कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण नीति का लाभ दिया गया है. अगर इसे वापस लिया जाता है तो एससी-एसटी कर्मियों को दिए गए लाभ वापस लेने पड़ेंगे. उन्हें मूल पद पर वापस भेजना पड़ेगा. उनकी सैलरी फिर से तय करनी होगी. इस दौरान रिटायर हुए कर्मचारियों की पेंशन फिर से फिक्स करनी होगी. मौजूदा कर्मचारियों और पेंशनरों को जो अतिरिक्त पैसा अब तक मिला होगा, उसकी रिकवरी करनी होगी. सरकार ने हलफनामे में तर्क दिया है कि अगर प्रमोशन में आरक्षण नीति को वापस लिया जाता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि प्रमोशन में कोटा खत्म किए जाने से कर्मचारियों में अशांति फैल सकती है.
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संविधान सम्मत है आरक्षण
केंद्र सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण प्रणाली को खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के 2017 के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जमकर दलीलें दीं. सरकार की ओर से कहा गया कि कहा कि यह नीति संविधान के प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट की तरफ दिए गए फैसलों के मुताबिक है. सरकार की ओर से कहा गया कि प्रमोशन में आरक्षण देते वक्त अनुसूचित जाति और जनजाति (SC-ST) आदि के प्रतिनिधित्व का पूरा ख्याल रखा गया है. सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, सरकार के इन विभागों-मंत्रालयों में कर्मचारियों की कुल संख्या 27,55,430 है. इनमें से 4,79,301 कर्मचारी SC हैं, जबकि एसटी कर्मियों की संख्या 2,14,738 है. इसके अलावा OBC तबके से आने वाले कर्मचारियों की तादाद 4,57,148 हैं. अगर इन आंकड़ों को प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो एससी 17.3%, एसटी का 7.7 % और ओबीसी का 16.5 फीसदी है.
प्रमोशन में कोटे से काम पर असर नहीं
इसके साथ ही सरकार ने कोर्ट से कहा है कि एससी-एसटी जाति के कर्मचारियों को तरक्की में आरक्षण से प्रशासनिक कामकाज पर असर नहीं पड़ता है, क्योंकि इस कोटे का लाभ सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को मिलता है, जो परफॉर्मेंस के निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं और इस लायक पाए जाते हैं. तभी उनको उन्नति दी जाती है.
HIGHLIGHTS
- देश में 4.5 लाख कर्मचारी हैं प्रमोशन में आरक्षण के लाभार्थी
- प्रमोशन में आरक्षण खत्म करने पर फैल सकती है अशांति
- नियम के मुताबिक योग्य कर्मचारियों को ही दिया जाता है लाभ