बुधवार को कोरोना वॉयरियर्स (Corona Warriors) पर हो रहे हमलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई इस बैठक में कोरोना वॉरियर्स पर हमलों के लेकर बड़े फैसले लिए गए. इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बैठक में हुई फैसलों की जानकारी दी. गृहमंत्री अमित शाह ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए इन बड़े फैसलों को जरूरी बताया. अमित शाह ने कहा कि, सरकार उन लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है जो इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान देश की रक्षा के लिए जी जान लगाकर काम कर रहे हैं. अमित शहा ने कहा कि हमारे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए अध्यादेश लाना उसी का प्रमाण है. यह उनकी सुरक्षा और गरिमा को सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा.
PM @narendramodi’s govt is committed to protecting those who are protecting India during these challenging times.
— Amit Shah (@AmitShah) April 22, 2020
Bringing an ordinance to end violence against our doctors & health workers is a testimony of the same. This will go a long way in assuring their safety and dignity.
आपको बता दें कि इसके पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठ के बारे में ब्रीफ किया. जावड़ेकर ने बताया कि इस बैठक में पीएम मोदी ने अहम फैसले लेते हुए डॉक्टरों और आरोग्यकर्मियों के खिलाफ अब किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसलिए स्वास्थ्यकर्मियों (Health Workers) को संरक्षण देते हुए नया अध्यादेश लाया जा रहा है. अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला संज्ञान लेने वाला और गैर जमानती होगा. इसमें कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. हमलावरों को 3 माह से लेकर 5 साल तक की सजा हो सकती है. साथ ही 50 हजार से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
महामारी अधिनियम 1897 संशोधन में किया जाएगा सुधार
जावड़ेकर ने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों के घायल होने व संपत्ति को नुकसान पहुंचने पर भी मुआवजे का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश के माध्यम से महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन किया जाएगा. इससे स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों की सुरक्षा और उनके रहने व काम करने की जगह को हिंसा से बचाने में मदद मिलेगी. अध्यादेश में हिंसा का दोषी पाए जाने पर छह महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है.
गृहमंत्रीअमित शाह ने की थी बात
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने डॉक्टरों के प्रतिनिधियों से बातचीत की थी. अमित शाह ने डॉक्टरों को भरोसा दिलाया था कि उनके खिलाफ कोई हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सरकार उनके साथ है. इसके बाद सरकार की ओर स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर सख्त कानून बनाने का फैसला किया गया.
जानिए अध्यादेश की 10 बड़ी बातें
- कोरोना वारियर्स जैसे डॉक्टर और पुलिसकर्मियों पर हमला मोदी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी.
- स्वास्थ्यकर्मियों को संरक्षण देते हुए नया अध्यादेश लाया गया है.
- स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला संज्ञान लेने वाला और गैर जमानती होगा.
- हमलावरों को 3 माह से लेकर 5 साल तक की सजा हो सकती है. साथ ही 50 हजार से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
- अगर बहुत गंभीर हमला होता है तो 6 महीने से 7 साल की सजा हो सकती है. ऐसे मामलों में 1 लाख से 5 लाख तक का जुर्माना होगा.
- इस तरह के मामले की जांच 30 दिनों में होगी और इसका फैसला 1 साल में आएगा.
- डॉक्टरों की गाड़ी या क्लीनिक के नुकसान पर मार्केट कॉस्ट का दोगुना हमलावरों से लिया जाएगा.
- 25 लाख N-95 मास्क हैं और ढाई करोड़ मास्क का ऑर्डर दिया गया है.
- गृह मंत्री अमित शाह जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टरों और उनके प्रतिनिधियों से बात की है. उन्होंने डॉक्टरों को विश्वास दिलाया है कि सरकार हर हाल में उनकी सुरक्षा करेगी.
- सरकार की ओर से फर्टिलाइज़र के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाया गया है. अब इसे बढ़ाकर 22 हजार करोड़ से अधिक किया गया है.