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बैकफुट पर मोदी सरकार, भैंसों को काटने की मंजूरी दे सकता है पर्यावरण मंत्रालय

केरल, तमिलनाडु, बंगाल समेत कई अन्य राज्यों में कड़े विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार पशु बाजारों में कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर लगाई गई रोक पर विचार कर सकती है।

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Abhishek Parashar
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बैकफुट पर मोदी सरकार, भैंसों को काटने की मंजूरी दे सकता है पर्यावरण मंत्रालय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

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बूचड़खानों के लिए पशु बाजार से जानवर खरीदने पर रोक लगाए जाने के फैसले के खिलाफ जहां बीजेपी में फूट पड़ती नजर आई तो वहीं अन्य विपक्षी दलों ने खाने और पीने की आजादी के मामले में केंद्र पर 'नागपुर' के निर्देशों के मुताबिक काम करने का आरोप लगाया।

बूचड़खानों के लिए पशु बाजार से जानवर खरीदने पर रोक लगाए जाने के फैसले के खिलाफ विरोध जताते हुए केरल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर खुलेआम बछड़े का वध कर दिया।

विरोध के इस तरीके के सामने आने और बीजेपी के हमलावर होने के बाद कांग्रेस ने इस मामले से खुद को पूरी तरह अलग करते हुए प्रदर्शन में शामिल सभी कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर निकाल दिया।

कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बछड़ा काटनेवाले कार्यकर्ता पार्टी से सस्पेंड कर दिए गए हैं और ऐसे लोगों के लिए कांग्रेस में जगह नहीं है।

वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि 'केरल में जो हुआ वह सोच से परे और क्रूर है। मेरे और कांग्रेस पार्टी के लिए यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।'

बीजेपी में फूट

हालांकि इस मामले में बीजेपी के भीतर ही फूट के स्वर उभर आए। मेघालय बीजेपी के नेता ने बर्नार्ड मरक ने सोमवार को कहा कि यदि उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो गो मांस पर प्रतिबंध नहीं होगा और बूचड़खानों को कानूनी रूप से मान्यता दी जाएगी।

और पढ़ें: BJP नेता ने कहा- मेघालय में सस्ता करवाएंगे बीफ, नहीं होगा बैन

मरक ने कहा, 'मेघालय में कई बीजेपी नेता गो मांस खाते हैं। मेघालय जैसे शहर में गो मांस पर प्रतिबंध लगाने का सवाल ही नहीं उठता। मेघालय में बीजेपी नेताओं को पहाड़ी क्षेत्रों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और संवैधानिक प्रावधानों के बारे में अच्छी तरह पता है।'

आतंकवादी से नेता बने बर्नार्ड ने कहा, 'यदि बीजेपी 2018 में सत्ता में आती है तो गो मांस पर प्रतिबंध नहीं लगाएगी। इसके बजाय मांस की उचित दर तय की जाएगी और बूचड़खानों को कानूनी रूप से मान्यता दी जाएगी, जिससे गो मांस और अन्य मांसों की कीमतें कम घटेंगीं।'

बैकफुट पर सरकार

फैसले के खिलाफ बीजेपी में पड़ी फूट और विपक्ष की एकजुटता के कारण मोदी सरकार बैकफुट पर नजर आई।

केरल, तमिलनाडु, बंगाल समेत कई अन्य राज्यों में कड़े विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार पशु बाजारों में कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर लगाई गई रोक पर विचार कर सकती है।

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न्यूज एजेंसी आईएनएस के मुताबिक संभावना है कि सरकार बूचड़खानों में काटे जाने वाले पशुओं की सूची से भैंस को बाहर किया जा सकता है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के सचिव ए एन झा ने आईएएनएस से कहा, 'हमें जानवरों की सूची को लेकर अभिवेदन (रिप्रेजेंटेशन) मिला है। हम इसपर काम कर रहे हैं।'

मंत्रालय ने पशुओं को क्रूरता से बचाने के लिए 26 मई को नियमों में संशोधन किया था, जिसमें पशु बाजारों में कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर रोक ला दी गई थी। 

कत्ल करने के लिए जिन जानवरों की बाजारों में खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती, उनमें गाय, सांड, भैंस, बछिया, बछड़ा तथा ऊंट शामिल हैं।

संशोधन की अधिसूचना जारी होने के एक दिन बाद ही मंत्रालय ने कहा कि कत्ल करने के उद्देश्य से जानवरों को किसानों के फॉर्म से सीधी खरीदारी की जा सकती है।

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HIGHLIGHTS

  • बैकफुट पर मोदी सरकार, भैंसों को काटने की मंजूरी दे सकता है पर्यावरण मंत्रालय
  • नए नियम के मुताबिक पशु बाजारों में कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर रोक ला दी गई है

Source : News Nation Bureau

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