भारत सरकार पूरे देश में करीब 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कीमत की 9,400 शत्रु संपत्तियों की बोली लगाने की तैयारी कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने ऐसी संपत्तियों की पहचना करना शुरू कर दिया है।
बता दें कि चीन और पाकिस्तान की नागरिकता के लिए जाने वाले लोगों की संपत्ति को शत्रु संपत्ति कहा जाता है। 49 साल पुराने शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन के बाद सरकार यह कदम उठाने जा रही है।
इस कानून में इस बात का स्पष्ट जिक्र है कि जो लोग विभाजव के दौरान या उसके बाद पाकिस्तान और चीन जाकर रहने लगे हैं, उन लोगों का उनकी संपत्तियों पर कोई हक नहीं है। इन्हें वारिस अधिकार से बाहर रखा गया है।
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गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, 'हाल ही में गृहमंत्री को मीटिंग के दौरान इस बात की जानकारी दी गई थी जिसमें कहा गया था कि सर्वे में अबतक कुल 6,289 संपत्तियों का पता लगाया जा चुका है, वहीं करीब 2,991 संपत्तियों का सर्वे किया जा रहा है।'
इस जानकारी के बाद ने आदेश दिया कि ऐसी संपत्तियों जिनमें कोई रह नहीं रहा है उन्हें खाली करवाया जाए, ताकि उनकी उचित बोली लगाई जा सके।
एक अधिकारी ने बताया कि इस पोपर्टीज में सबसे ज्यादा करीब 4,991 केवल उत्तर प्रदेश में ही हैं।
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Source : News Nation Bureau