घने जंगलों में नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही कैमरा लगा रडार खरीद सकता है। इस रडार के जरिए छत्तीसगढ़ और अन्य क्षेत्रों के घने जंगलों में सक्रिय नक्सलियों की हरकतों का पता लगाने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार जल्द ही नक्सल ऑपरेशनों के लिए फोलिएज पैनिट्रेटिंग रडार (ऐसा रडार जिसमें कैमरा लगा हो) खरीदने पर विचार कर रही है। इस रडार के जरिए घने जंगलों में छिपे हुए नक्सलियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी सुरक्षा बलों को मिलेगी।
हाल ही में छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए हमले के बाद इस राडरा को खरीदने पर काफी तेजी से विचार किया जा रहा है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जंगलों की सघनता भेदने वाले रडार समय की मांग है। सरकार जल्दी ही ऐसे रडार हासिल करने जुटी है।
इन क्षेत्रों में नक्सली काफी सक्रिय हैं। सुरक्षा बलों को मानवरहित हवाई साधनों से खुफिया सूचनाएं जुटाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे उपकरण घने वन क्षेत्र में वास्तविक स्थिति का पता नहीं लगा पाते हैं।
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कैमरा लगे रडार जमीन पर होने वाली नक्सली गतिविधि का पता लगाने में सक्षम रहेंगे। इसका कारण यह है कि रडार से अत्यंत घने जंगली इलाके में भी तस्वीर ली जा सकेगी।
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कैसे काम करेगा ये रडार
1. रडार को अलग-अलग लोकेशन पर फिट किया जाएगा
2. रडार को एक सेन्ट्रल मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा
3. रडार किसी भी मूवमेंट को पकड़ने के साथ ही उस जगह की इमेज और वीडियो बनाकर सीधे कंट्रोल रूम को भेजेगा
4. इस रडार के जरिए नक्सलियों की लोकेशन और संख्या के साथ-साथ उनके पास मौजूद हथियार और गोला-बारूद की जानकारी भी कंट्रोल रूम को देगा
Source : News Nation Bureau