नोटबंदी के बाद 500 और 2000 रु के नए नोट छापने के बाद सरकार ने 10 रु के प्लास्टिक नोट को छापने का फैसला किया है।
वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में नोटबंदी से जुड़े एक सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी। सरकार ने प्लास्टिक नोट छापने के लिए मैटेरियल की खरीद भी शुरू कर दी है। ये नोट या तो पूरी तरह प्लास्टिक के होंगे या फिर पॉलीमर मैटेरियल से इन्हें तैयार किया जाएगा।
It is easier to track counterfeit currency in plastic money than paper: Arjun Ram Meghwal, MoS Finance pic.twitter.com/sRNCb7vXUh
— ANI (@ANI_news) December 9, 2016
इसका मतलब ये हुआ कि 10 रु के इन नोटों में कागज का काई इस्तेमाल नहीं होगा। प्लास्टिक नोट को छापने के लिए आरबीआई ने पूरी तैयारी कर ली है। 10 रु के प्लास्टिक नोटों के पायलट प्रोजेक्ट से रिजर्व बैंक भविष्य में प्लास्टिक नोटों के इस्तेमाल की संभावनाओं को तलाशेगा।
Process is on, committee has been formed: Arjun Ram Meghwal, MoS Finance when asked if plastic currency will be introduced pic.twitter.com/zbGIKws5TC
— ANI (@ANI_news) December 9, 2016
फरवरी 2014 में यूपीए सरकार ने संसद में बताया था कि सरकार 1 अरब 10 रु के प्लास्टिक नोट छापने की तैयारी कर रही है। अब नोटबंदी के बाद संभावना है कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे देश के पांच शहरों कोच्ची, मैसूर, जयपुर, शिमला, और भुवनेश्वर में चलन में लाया जाएगा। ये फैसला इन शहरों के मौसम और वातावरण को ध्यान में रखकर लिया गया है।
प्लास्टिक मनी की लाइफ ज्यादा से ज्यादा पांच साल होती है और इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसका नकल करना लगभग असंभव हैं। प्लास्टिक नोट कागज के नोटों के मुकाबले ज्यादा साफ होते हैं। नकल से बचने के लिए सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया ने प्लास्टिक के नोटों को चलन में लाया था।