पूरी दुनिया मे कोरोना वायरस (Corona Virus) ने कोहराम मचाकर रखा है. दुनिया के तमाम देश कोरोना की वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच जयपुर से एक राहत भरी खबर है. वहां होम्योपैथी की दवा ने कोरोना से संक्रमित 42 मरीजों को दुरुस्त कर दिया. होम्योपैथी विश्वविद्यालय के 5 डॉक्टरों की टीम ने एसएमएस और महिला अस्पताल में भर्ती 55 मरीजों का अध्ययन किया. इनमें से सभी उम्र के 42 कोरोना संक्रमितों को दवा दी गई और वो डिस्चार्ज होकर घर पहुंच गए.
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होम्योपैथी विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डॉ गिरेन्द्र पाल के अनुसार, दवा कारगर रही और 3 से 5 दिन में ही कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक होकर घर पहुंच गए. पहले दोनों अस्पतालों और टेलीमेडिसिन के जरिए 55 संक्रमितों से संवाद किया गया. एसएमएस मेडिकल कॉलेज से अनुमति लेकर इनमें से 42 को होम्योपैथी दवा दी गई. बचाव के लिए संबंधित चिकित्सकों को भी होम्योपैथी दवा दी गई.
विश्वविद्यालय ने इस शोध के लिए 5 डॉक्टरों की एक कमेटी बनाई. एक कमेटी मेंबर डॉ. शीना पाल ने बताया कि होम्योपैथी दवा कोरोना से पीड़ित हर उम्र के मरीजों को दी गई. 31 को आर्सेनिक और शेष को जेल्सेमियम, इगन्शिया, काली कार्ब, लाइको पोडियम, ब्रायोनिया, नक्स वोम, नेट्रम म्यूर, कोलीकुम, वेलाडोना, लेकेसिस आदि होम्योपैथिक दवा दी गई. डॉ शीना पाल के अनुसार, 42 संक्रमितों संबंधी विश्लेषण में पता चला कि अधिकांश रोगियों में मृत्यु का डर, बेचैनी, चिंता, अस्थिरता, कमजोरी, बार-बार प्यास लगना आदि लक्षण पाए गए. दो रोगी आईसीयू के थे.
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उन्होंने बताया कि चौथे दिन फॉलोअप लिया गया और अधिकांश रोगियों को 3 से 5 दिन में छुट्टी दे दी गई. अध्ययन करने वाली टीम में डॉ. तारकेश्वर जैन, डॉ. कमलेन्द्र त्यागी, डॉ. विरेन्द्र चौहान, डॉ. वाणिजा गौतम, डॉ. शीना पाल शामिल रहे.
होम्योपैथिक की आर्सेनिक दवा को चिकित्सा विभाग भी कोरोना पोजिटिव मरीजो को दे रहा है. स्टाफ को भी यह दवा दी जा रही है. सीएमएचओ डॉ नरोत्तम शर्मा का कहना है कि होम्योपैथिक दवा आर्सेनिक इम्युनिटी पावर बढ़ाती है. अभी तक डेड लाख लोगों आर्सेनिक दवा दी जा चुकी है.
Source : News Nation Bureau