किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर ग्रेटा टूलकिट (Toolkit) मामले में गिरफ्तार की गई कथित क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि खुद को बेगुनाह बता रही हैं. कहना है कि उन्होंने सिर्फ टूलकिट के दस्तावेजों की दो लाइनें एडिट भर की है. यह अलग बात है कि उनका एक साक्षात्कार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह भारतीय जनता पार्टी समेत पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को लेकर ऐसे-ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रही हैं, जो वास्तव में भारत की छवि को ही खराब करते हैं. इस इंटरव्यू की गौर करने वाली बात यह भी है कि प्रश्न पूछने वाली भी दिशा रवि के विचारों से मेल खाती प्रतीत हो रही है. उसका पहला प्रश्न ही पीएम मोदी के निजी जीवन से लेकर सरकार पर उनके पूर्वाग्रह को सामने लाता है.
'मुसलमान विरोधी है सरकार'
इस इंटरव्यू में प्रश्नकर्ता पीएम मोदी को कट्टर राष्ट्रभक्त और अतिप्रतिक्रियावादी करार दे महिलाओं की स्थिति पर सवाल खड़े करते हुए पूछती है कि उनकी तो पत्नी भी नहीं है... ऐसे में भारतीयों ने उन्हें एक बार नही दो-दो बार क्यों चुना? इसके जवाब में रविवार को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई कथित क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि कहती हैं की पीएम मोदी की पार्टी दक्षिणपंथी पार्टी है. मोदी को लेकर एक अच्छी बात यही है कि वह अपने उद्देश्यों और लक्ष्यों को लेकर एक बड़े तबको को आश्वस्त करने में सफल रहे हैं. इसके साथ ही मोदी दमन की राजनीति कर अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को हाशिये पर ला रहे हैं. यही उनका और पार्टी का उद्देश्य है.
Climate Activist or anti-India Propagandist? pic.twitter.com/WNPpfSe90Q
— Monica (@TrulyMonica) February 14, 2021
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'भारत में प्रेस को आजादी नहीं'
रवि दिशा सिर्फ यहीं नहीं रुकती, बल्कि अभिव्यक्ति और प्रेस की आजादी पर भी सवालिया निशान खड़ा करती हैं. वह बेलौस अंदाज में कहती हैं कि प्रेस पर पीएम मोदी का नियंत्रण है. इस कारण ज्यादातर प्रेस भी दक्षिणपंथी हो गए हैं. यह स्थिति वैकल्पिक यानी क्षेत्रीय मीडिया पर भी लागू होती है. जो भी उनका विरोध करता है या सवाल खड़ा करता है, उस पर मुकदमें लाद दिए जाते हैं. देश में प्रेस स्वतंत्र नहीं हैं. सभी पीएम मोदी के लक्ष्यों और उद्देश्यों के आधार पर ही काम कर रहे हैं. जो नहीं करता, उसके पीछे बेहद खौफनाक ढंग से मोदी समर्थक मीडिया पीछे पड़ जाता है. यही नहीं, दिशा साफ-साफ कहती हैं कि उनके अभिभावक भी पीएम मोदी के समर्थक हैं, लेकिन वह कतई नहीं हैं.
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'मानवाधिकार औऱ बराबरी के अधिकार नहीं हैं भारत में'
अधिकारों की बात करते हुए दिशा फिर से मोदी सरकार पर तमाम सवालिया निशान लगाती हैं. बगैर यह समझे कि अगर वह मोदी सरकार की इस कदर आलोचक रही हैं तो वह अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ही रही हैं. इंटरव्यू में दिशा रवि कहती हैं कि सरकार की नीतियों-रीतियों पर कई जगह सवाल खड़े होते हैं, लेकिन उन पर कोई प्रश्न नहीं पूछता और ना ही चर्चा करता है. यही नहीं, मोदी सरकार समानता के अधिकारों, मानवाधिकारों समेत पर्यावर्णीय अधिकारों पर भी लगातार ऐसे काम कर रही है, जिनसे सवाल खड़े होते हैं. मानवाधिकारों के क्रम में हम बहुत पीछे होते जा रहे हैं. इस इंटरव्यू में बीच-बीच में प्रश्नकर्ता भी दिशा रवि का उत्साह बढ़ाते सुनी जा सकती हैं.
HIGHLIGHTS
- खुद को बेगुनाह बताने वाली दिशा रवि का इंटरव्यू वायरल
- वह पीएम नरेंद्र मोदी और सरकार को कठघरे में खड़ी कर रही
- दिशा की बातें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब करती