जीएसटी परिषद ने कुछ शर्तों के अधीन अपंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं और कम्पोजीशन करदाताओं को ई-कॉमर्स ऑपरेटरों (ईसीओ) के माध्यम से माल की अंतर-राज्य आपूर्ति करने की अनुमति देने के लिए जीएसटी अधिनियम और जीएसटी नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी है. छोटे अपंजीकृत विक्रेताओं को ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से अपना सामान बेचने की अनुमति देने के जीएसटी परिषद के बड़े फैसले की तहे दिल से सराहना करते हुए, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने शनिवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस फैसले के लिए धन्यवाद दिया, जिसकी सीएआईटी द्वारा पिछले दो वर्षों से अधिक समय से मांग की जा रही थी.
सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह निर्णय छोटे व्यापारियों को ई-कॉमर्स के माध्यम से अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए जीएसटी की सीमा से नीचे का अधिकार देगा और डिजिटल इंडिया ²ष्टि को मजबूती से मजबूत करेगा.
देश में 8 करोड़ से अधिक छोटे व्यापारी हैं लेकिन बड़ी संख्या में व्यापारी जीएसटी पंजीकरण के बिना व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं क्योंकि उनकी वार्षिक बिक्री जीएसटी की सीमा से कम है. ऐसे व्यापारी अब ई-कॉमर्स पर व्यापार कर सकेंगे. इससे पहले, जीएसटी परिषद ने अपनी 47वीं बैठक में अपंजीकृत आपूर्तिकतार्ओं और संरचना करदाताओं को ईसीओ के माध्यम से माल की अंतर-राज्य आपूर्ति करने की अनुमति देने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी, जो कुछ शर्तों के अधीन थी.
सीएआईटी ने कहा कि भारत तेजी से ई-कॉमर्स हब के रूप में उभर रहा है और ऑनलाइन कारोबार में जबरदस्त वृद्धि हो रही है. भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय अब कुल खुदरा कारोबार का लगभग 10 प्रतिशत है. एक बयान में कहा गया है, इसे देखते हुए यह अत्यंत प्रासंगिक था कि छोटे विक्रेता, जिनका टर्नओवर छोटा है और जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं, वह ऑनलाइन कारोबार करने में सक्षम नहीं थे, जिससे बाजार और व्यापार के अवसरों का भारी नुकसान हुआ.
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Source : IANS