केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद को बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों को संवैधिानिक रूप से वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में शामिल कर लिया गया है मगर डीजल और पेट्रोल पर जीएसटी की दरें कब से लागू होंगी इसपर फैसला जीएसटी परिषद लेगी। जीएसटी परिषद में सभी राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल हैं।
राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 279 ए (5) में कहा गया है कि जीएसटी परिषद पेट्रोलियम क्रूड, डीजल, मोटर स्पिरिट, प्राकृतिक गैस और विमान तेल (एटीएफ) पर जीएसटी लागू करने की तिथि की सिफारिश करेगी।'
उन्होंने कहा, 'इस प्रकार पेट्रोलियम उत्पादों को संवधानिक रूप से जीएसटी के तहत लाया गया है लेकिन उनपर जीएसटी लगाने की तिथि जीएसटी परिषद के फैसले के आधार पर तय होगी। जीएसटी परिषद में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त या कराधान प्रभारी मंत्री शामिल हैं।'
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हो रही वृद्धि के मसले पर प्रधान ने कहा कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण क्रमश: 26 जून 2010 और 19 अक्टूबर 2014 से बाजार के हवाले कर दिया है।
उन्होंने कहा, 'तब से तेल विपणन कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उत्पादों की कीमतों के अनुसार, पेट्रोल और डीजल की कीमतों के निर्धारण पर समुचित फैसले लेती हैं।'
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मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती कर दी है जोकि चार अक्टूबर 2017 से लागू है।
केंद्र सरकार ने राज्यों की सरकारों से भी उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के मद्देनजर पेट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती करने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती की गई है।
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Source : IANS