जीएसटी में छूट से टीकों की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है: निर्मला सीतारमण

कोरोना टीकों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की पूरी छूट देने की मांग पर सफाई देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि पूरी छूट से आम लोगों पर असर पड़ेगा क्योकि वैक्सीन की कीमतें बढ़ जाएंगी.

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Ravindra Singh
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Nirmala Sitharaman

निर्मला सीतारमण( Photo Credit : फाइल )

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कोरोना टीकों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की पूरी छूट देने की मांग पर सफाई देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि पूरी छूट से आम लोगों पर असर पड़ेगा क्योकि वैक्सीन की कीमतें बढ़ जाएंगी. पीएम को लिखे गए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक पत्र का जवाब देते हुए, जिसमें ममता ने स्वास्थ्य ढांचे में सुधार के लिए समर्थन की मांग करने के साथ-साथ जीवन रक्षक दवाओं और उपकरणों से जीएसटी और सीमा शुल्क हटाने की मांग की है, के जवाब में सीतारमण ने कहा कि अगर जीएसटी में छूट दी जाती है तो टीका निर्माता इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभार्थी नहीं होंगे. यदि जीएसटी में छूट है.

वित्त मंत्री का विचार है कि वैक्सीन के घरेलू निर्माता के हित में और नागरिकों के हित में 5 प्रतिशत जीएसटी यथोचित है. वित्त मंत्री ने कहा, अगर जीएसटी से पूर्ण छूट दी जाती है, तो वैक्सीन निर्माता अपने इनपुट करों की भरपाई नहीं कर पाएंगे और मूल्य में वृद्धि करेंगे, जिससे इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा. मंत्री ने कहा कि कोविड ड्रग्स और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स पर लगने वाले टीके पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक है और इन वस्तुओं के घरेलू आयात और वाणिज्यिक आयात पर लागू है.

रिटर्न फाइल करने की समयसीमा को बढ़ाया जाए: कैट
कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा हाल ही में जीएसटी एवं आय कर की कुछ तारीखों को आगे बढ़ाने की सराहना करते हुए कहा कि देश में लॉक डाउन के चलते दुकाने एवं मार्केट पूरी तरह से बंद हैं, जिसके कारण उनका धन आना बंद हो गया है, जबकि विभिन्न प्रकार की पारिवारिक और व्यापारिक जरूरतें जिसमें कर्मचारियों को वेतन, दुकानों और गोदामों के किराए सहित विभिन्न खचरें के लिए अपनी पूंजी खाने के लिए मजबूर कर दिया है, जो उनके व्यवसाय के भविष्य के लिए बहुत विनाशकारी है. कैट ने केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण से आग्रह किया कि सरकार को कुछ कदम तत्काल उठाने की आवश्यकता है जिससे कुछ समय के लिए व्यापारियों पर से वित्तीय भार और नियमों के पालन का बोझ कम हो सके. वहीं जीएसटी और आयकर के तहत सभी वैधानिक तिथियां जिनके द्वारा या तो कर का भुगतान किया जाना है या रिटर्न दाखिल करना है को 31 अगस्त, 2021 तक बढ़ाया जाए.

जीएसटी के तहत फॉर्म जीएसटीआर -3 बी के स्थान को चालान को कर भुगतान का दस्तावेज माना जाए , इससे करदाता को कर का जल्द भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और सरकार को भी समय पर कर मिलेगा. कैट ने यह भी आग्रह किया कि बैंकों को लॉकडाउन की अवधि के लिए व्यापारियों से ऋण पर कोई ब्याज नहीं लेने का निर्देश दिया जाना चाहिए और छह महीने की का एक मोरोटोरियम अवधि दी जानी चाहिए, जिसमें ऋण की ईएमआई का भुगतान करने या लिए गए ऋणों को चुकता करने पर रोक लगाई जाए.

HIGHLIGHTS

  • GST छूट से महंगी हो जाएगी कोरोना वैक्सीन
  • ममता बनर्जी को दिए गए जवाब में दी जानकारी
  • वैक्सीन निर्माता अपने करों की भरपाई नहीं कर पाएंगे

 

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