देश की राजधानी दिल्ली निर्भया गैंगरेप से ही कलंकित नहीं हुई है बल्कि इसी तरह का जखन्य अपराध पांच साल की बच्ची गुड़िया के साथ भी घटित हुआ था. इसी मामले में आज यानि कि शनिवार को कड़कड़डूमा कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब निर्भया केस के चार महीने बाद ही 15 अप्रैल 2013 को पांच साल की गुड़िया को दो लोगों ने अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप किया था.
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गुड़िया गैंगरेप केस में पुलिस ने दो आरोपियों को बिहार और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने दोनों आरोपी के खिलाफ गैंगरेप, सबूत मिटाने, जान से मारने, किडनैपिंग और पॉक्सो एक्ट (Pocso) के तहत मामला दर्ज किया था. गुड़िया के आरोपी मनोज शाह और प्रदीप दोनों पड़ोसी थे. इस मामले की सुनवाई पूरी होने में वक्त इसलिए भी लगा, क्योंकि इस मामले में आरोपी प्रदीप ने खुद को नाबालिग बताया था.
बता दें कि गुड़िया 15 अप्रैल 2013 की शाम को लापता हुई और 17 अप्रैल की सुबह मिली थी. इसके बाद उसको उपचार के लिए एम्स अस्पताल ले जाया गया था. जहां उसकी हालत कई दिनों तक बेहद गंभीर बनी रही. डॉक्टरों ने पीड़िता बच्ची शरीर के अंदर से तेल की शीशी और मोमबत्ती निकाली थी.
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इस गैंगरेप को लेकर दिल्ली पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क गया था. इसके बाद लोगों का गुस्सा कुछ वक्त पहले ही 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ हुए गैंगरेप के बाद लगभग उतनी ही बड़ी वारदात दोबारा दोहराई गई थी. ऐसे में पांच साल की बच्ची के साथ राजधानी दिल्ली में बर्बरता से हुए इस रेप पर पुलिस और प्रशासन पर कई सवाल खड़े हुए थे.