Advertisment

गुजरात चुनाव 2017: क्या बीजेपी परंपरा तोड़ मुस्लिमों को देगी टिकट?

बीजेपी में शामिल अल्पसंख्यक मोर्चा के कुछ लोगों ने आगामी विधानसभा चुनावों में कई सीटों की मांग की है। मुस्लिम नेताओं ने जमालपुर-खडिया, वेजालपुर, वागरा, वान्कानेर, भुज, अबदासा सीटों के लिए सीटों की मांग की है।

author-image
Jeevan Prakash
एडिट
New Update
गुजरात चुनाव 2017: क्या बीजेपी परंपरा तोड़ मुस्लिमों को देगी टिकट?

क्या बीजेपी परंपरा तोड़ मुस्लिमों को देगी टिकट? (फाइल फोटो)

Advertisment

गुजरात का चुनावी मैदान सज चुका है। टिकट के लिए पार्टी आलाकमान के दर पर नेताओं का जमावड़ा लग रहा है तो वहीं पार्टी स्थानीय समीकरण और अपने एजेंडे के तहत विचार कर रही है।

इस बीच बड़ा सवाल है कि क्या गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मुस्लिमों को टिकट देगी?

साल 2011 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी छवि बदलने के प्रयासों के तहत अल्पसंख्यक मुस्लिमों को आकर्षित करने के इरादों से सद्भावना मिशन की शुरुआत की थी, जिसमें मुस्लिम भी बड़ी संख्या में उमड़े थे।

हालांकि यह मिशन अगले ही वर्ष फेल हो गया जब 2012 के चुनावों में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया। अब 5 सालों के बाद मुस्लिम नेता कुछ 'असली सद्भावना' की तलाश में लगे हुए हैं। 

बीजेपी में शामिल अल्पसंख्यक मोर्चा के कुछ लोगों ने आगामी विधानसभा चुनावों में कई सीटों की मांग की है। मुस्लिम नेताओं ने जमालपुर-खडिया, वेजालपुर, वागरा, वान्कानेर, भुज, अबदासा सीटों के लिए सीटों की मांग की है। लेकिन इतिहास देखें तो बीजेपी ने अभी तक किसी विधानसभा चुनाव में मुसलमान उमीदवार खड़ा नहीं किया, लेकिन इस बार उम्मीद है कि बीजेपी मुस्लिम चेहरे को मैदान में उतार सकती है।

BJP के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष महबूब अली चिश्ती का कहना है कि 2015 में हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में करीब 350 मुस्लिमों ने जीत दर्ज की थी, वे विधानसभा चुनावों में भी जीतने का माद्दा रखते हैं। लेकिन आखिरी फैसला हमारी पार्लियामेंट्री बोर्ड पर है अगर उन्हें लगता है कि इन सीटों पर मुसलमान जीत सकता है तो उन्हें टिकट दिया जाएगा।

और पढ़ें: हार्दिक पटेल के आरक्षण की मांग के खिलाफ कई पाटीदार संगठन

दूसरी ओर कांग्रेस नेता शाहनवाज़ खान ने कहा बीजेपी की कथनी और करनी में फर्क है, अगर सही मायने में बीजपी सब का साथ सबका, विकास कहती है तो उनके इस फैसले का हम स्वागत करेंगे।

गुजरात मे सियासी पारा गर्म है और जातीय समीकरण भी अपनी चरण सीमा पर है, लेकिन जब मोदी सूबे के सरदार थे तब तक विधानसभा चुनाव में कभी किसी अल्पसंख्यक उमीदवार को टिकट नहीं मिला ऐसे में देखना होगा कि क्या बीजेपी अपनी परंपरा तोड़ती है या अपने पुराने एजेंडे पर कायम रहती है।

और पढ़ें: जादूगर के जरिए बीजेपी दिखाएगाी राज्य का विकास, 'हाथ' पर खिलेगा 'कमल'

HIGHLIGHTS

  • बीजेपी में शामिल अल्पसंख्यक मोर्चा के कुछ कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनावों में कई सीटों की मांग की
  • 2012 के चुनावों में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया था

Source : Purav Patel

BJP muslim Gujarat election Gujarat Assembly Elections 2017
Advertisment
Advertisment
Advertisment