गुजरात में विधायकों की तन्ख्वाह में 64 फीसदी की वृद्धि हुई है। बुधवार को गुजरात विधानसभा ने विधायकों, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विपक्ष के नेता के वेतन को कम से कम 45,000 रुपये प्रति महीना बढ़ाने वाले एक विधेयक को बुधवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। जिसके बाद विधायकों का मासिक वेतन 70,727 रुपये से बढ़कर 1.16 लाख रुपये हो जाएगा।
इसके अलावा, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का वेतन 86,000 रुपये से बढ़कर 1.32 लाख रुपये हो जएगा। इसमें 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
संशोधित वेतन फरवरी 2017 से प्रभावी होगा, जिसमें बकाया राशि में 6 करोड़ रुपये का वितरण होगा। नई वेतन संरचना राज्य सरकार पर सालाना 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ डालेगी।
विधेयक को सदन में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने पेश किया।
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दिलचस्प बात है कि पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी और किसानों का लोन माफ करने को लेकर बीजेपी को घेरने वाली कांग्रेस ने भी विधायकों की सैलरी बढ़ाने का समर्थन किया है। इस विधेयक को पास करने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक हफ्ते पहले सहमति बन गई थी। थोड़े से विचार-विमर्श के बाद विधेयक को निर्विरोध पारित कर दिया गया।
विधेयक पेश करने के बाद, जडेजा ने सदन को सूचित किया कि 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में विधायकों के वेतन में 2005 से वृद्धि नहीं हुई थी, जबकि अन्य राज्यों में उनके समकक्षों का वेतन बहुत ज्यादा है।
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विपक्ष के डिप्टी लीडर शैलेश परमार ने कहा, 'हम कानून निर्माता हैं जो उन सरकारी अधिकारियों से भी कम कमाते हैं जो कानून को लागू करते हैं। इसलिए वेतन वृद्धि की जरूरत थी।'
उदाहरण के लिए, उत्तराखंड, तेलंगाना, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में विधायकों का वेतन क्रमश: 2.91 लाख रुपये, 2.50 लाख रुपये, 2.25 लाख रुपये और 2.13 लाख रुपये है।
(IANS इनपुटस के साथ)
Source : News Nation Bureau