देश छोड़कर भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी को गुजरात की एक अदालत ने कर चोरी के एक मामले में गुरुवार को 'घोषित भगोड़ा' करार दिया. नीरव मोदी के खिलाफ मार्च में दायर 52 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क से बचने के एक मामले में अदालत ने उसे 'घोषित भगोड़ा' बताते हुए 15 नवंबर तक हाजिर होने का आदेश दिया है.
यह जन-अधिसूचना महाराष्ट्र और गुजरात के विभिन्न अखबारों को जारी की गई है. साथ ही, सरकार और पुलिस को भी आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 82 के तहत नीरव मोदी को घोषित भगोड़ा बताए जाने के बारे में सूचित किया गया है. इससे उनको अंतरिम जमानत लेना कठिन हो सकता है.
सूरत की अदालत के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) बी.एच. कपाड़िया ने सीमा शुल्क विभाग की आठ अगस्त की याचिका को स्वीकार करते हुए हीरा कारोबारी को अगले गुरुवार को अदालत के समक्ष पेश होने को कहा है.
नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक को 13,500 करोड़ रुपये की चपत लगाने के मामले में मुख्यारोपी है.
सीमा शुल्क उपायुक्त आर.के. तिवारी ने नीरव मोदी और उसकी तीन कंपनियों-फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, फायरस्टार इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और रडाशीर ज्वेलरी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एक याचिका दायर की थी. याचिका भारी परिमाण में कर बचाने के विवाद से संबंधित है.
हीरा कारोबारी और उनकी कंपनी ने 2014 के दौरान भारी परिमाण में अनगढ़ व बिना पॉलिश के हीरे का आयात किया था, जिसमें सरकार एक स्कीम के तहत कर में छूट ली गई थी. स्कीम में प्रसंस्करण के बाद निर्यात करने की शर्त पर आयात पर कर छूट दी गई थी.
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लेकिन कंपनी ने हीरे का करीब 900 करोड़ रुपये का तैयार माल घरेलू बाजार में ही बेच दिया. राजस्व आसूचना निदेशालय की जांच के अनुसार, इसमें करीब 52 करोड़ रुपये की कर चोरी की गई है.
इसके अलावा नीरव मोदी ने कम गुणवत्ता का हीरा दुबई, हांगकांग, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों को निर्यात किया था. मामले में जब वह अदालत में पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ 22 जून को गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया.
Source : IANS