गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से नाराज चल रहे गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल आखिरकार मान गए हैं। पटेल आज सचिवालय पहुंच कर अपना कार्यभार संभालेंगे।
उन्होंने कहा, 'मुझे विजय भाई (विजय रुपाणी) के सीएम बनने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन मेरा पार्टी में सम्मान बना रहना चाहिए। मेरी लड़ाई सत्ता के लिए नही थी।'
गौरतलब है कि अहम मंत्रालय नहीं मिलने की वजह से नाराज उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने अपना कार्यभार नहीं संभाला था और जिसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं।
पिछली सरकार में उनके पास वित्त, शहरी विकास, उद्योग और राजस्व मंत्रालय था लेकिन इस बार वित्त मंत्रालय सौरभ पटेल को दे दिया गया है। इसके बाद विवाद बढ़ता देख बीजेपी के नैशनल प्रेसिडेंट अमित शाह ने मामले में दखल दिया और इसके बाद पटेल मान गए।
नितिन पटेल ने कहा, 'मेरी बात अमित शाह जी से हुई है और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि मुझे मेरे पिछले विभाग का कार्यभार जल्द सौंप दिया जाएगा। मैं इस बात के लिए पीएम मोदी जी और अमित शाह जी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।'
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उन्होंने कहा कि मैं पिछले 40 सालों से पार्टी के साथ उसके अच्छे और बुरे समय में साथ खड़ा रहा हूं। यहां तक की जब मुझे राष्ट्रीय जनता पार्टी (राजपा) की सरकार में ऑफर दिया जा रहा था उस वक्त भी मैं पार्टी के साथ खड़ा रहा था।
उन्होंने कहा कि केशु भाई की सरकार के समय से ही मेरे पास सत्ता थी जिसके बाद मुझे नरेंद्र मोदी, आनंदीबेन और विजय भाई के साथ काम करने का मौका मिला है।
गौरतलब है कि गुजरात में 23 अक्टूबर 1996 से 4 मार्च 1998 तक राजपा की सरकार रही थी। इस दौरान शंकरसिंह वाघेला और दिलीपभाई रमणभाई पारिख ने मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला।
नितिन पटेल को वर्तमान सरकार में सड़क एवं भवन, हैल्थ एवं फैमिली, नर्मदा, कल्पसार, चिकित्सा और शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिली है। जबकि पिछली सरकार में उन्हें शहरी विकास और वित्त विभाग का कार्यभार सौंपा गया था।
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Source : News Nation Bureau