कोरोना महामारी (Coronavirus pandemic) के चलते गुजरात सरकार को बहुत ही आर्थिक नुकसान हुआ है. इसकी भरपाई के लिए रुपाणी सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफा करने जा रहे हैं. आज रात 12 बजे से गुजरात में पेट्रोल-डीजल के दाम 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ जाएंगे.
गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा था कि राज्य सरकार लॉकडाउन के कारण राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिए पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों पर मूल्य वर्धित कर (वैट) बढ़ाने पर विचार किया गया. उन्होंने बताया कि गुजरात में पेट्रोल और डीजल के दाम दो-दो रुपये बढ़ाए गए. गुजरात सरकार अभी पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर 21 फीसदी कर वसूलती है. इसमें 17 फीसदी वैट और चार फीसदी उपकर है.
लगातार 9वें दिन पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ें
इधर, तेल कंपनियों ने सोमवार को लगातार नौवें दिन पेट्रोल, डीजल के दाम में उनकी लागत के मुताबिक समायोजन करते हुये वृद्धि की है. सोमवार को पेट्रोल का दाम 48 पैसे और डीजल का दाम 23 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया गया. इससे पहले लगातार 82 दिन तक इन दोनों ईंधनों के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया. इस वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम 75.78 रुपये से बढ़कर 76.26 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 74.03 रुपये से बढ़कर 74.26 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया.
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वैट की दर अलग-अलग होने से यह बढ़ोतरी अलग-अलग हो सकती है
तेल विपणन कंपनियों द्वारा जारी मूल्य अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि ईंधनों के दाम पूरे देश में एक साथ बढ़ाये गये हैं लेकिन राज्यों में इन पर लगने वाले बिक्री कर अथवा मूल्य वर्धित कर (वैट) की दर अलग होने से यह वृद्धि अलग अलग हो सकती है.
तब से दोनों ईंधनों के दाम में घटबढ रुकी हुई थी
तेल कंपनियों द्वारा सात जून 2020 को इन ईंधनों के दाम में दैनिक संशोधन, समायोजन की पुन: शुरुआत करने के बाद यह लगातार नौंवा दिन है जब इनके दाम बढ़ाये गये हैं. लगातार नौ दिन की वृद्धि के बाद पेट्रोल के दाम में पांच रुपये और डीजल के दाम में 4.87 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है. सरकार ने मार्च 2020 के मध्यम में पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि की थी तब से दोनों ईंधनों के दाम में घटबढ रुकी हुई थी.
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इस दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों इंडियन आयल कार्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने उत्पाद शुल्क वृद्धि को ग्राहकों पर डालने के बजाय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आने वाली गिरावट के साथ उसका समायोजन किया. इससे दाम स्थिर रहे.
(इनपुट भाषा)
Source : News Nation Bureau