गुजरात के कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी को असम में जमानत मिल गई और वो जेल से बाहर हो गए, लेकिन थोड़ी ही देर में बाद दूसरे जिले की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. और जेल भेज दिया. इससे पहले, कोकराझार की स्थानीय कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली थी. बता दें कि जिग्नेश मेवाणी को असम पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार किया था. उन पर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप लगाया था, और असम बीजेपी के स्थानीय नेता ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. अब कोकराझार की स्थानीय अदालत ने उन्हें जमानत दे दी. हालांकि उन्हें थोड़ी ही देर बाद फिर से गिरफ्तार कर लिया.
जिग्नेश मेवाणी के वकील अंग्शुमन बोरा ने एएनआई से बातचीत में कहा कि कोकाराझार की अदालत ने जिग्नेश मेवाणी को जमानत दे दी है. उन्हें कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया. लेकिन थोड़ी ही देर बाद बारपेटा जिले की पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
बुधवार रात असम पुलिस ने गुजरात से किया था गिरफ्तार
बता दें कि बुधवार रात असम पुलिस ने गुजरात में छापेमारी की थी और कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी को गिरफ्तार कर लिया. जिग्नेश मेवाणी उस समय पालनपुर सर्किट हाउस में थे, जब असम पुलिस वहां पहुंची. असम पुलिस ने असम में दर्ज मामलों के आधार पर जिग्नेश मेवाणी को गिरफ्तार कर लिया, और उन्हें तुरंत लेकर अहमदाबाद रवाना हो गई. जानकारी के मुताबिक, वडगाम विधायक जिग्नेश मेवाणी पालनपुर के सर्किट हाउस में रुके हुए थे. इसी बीच देर रात करीब 11.30 बजे असम पुलिस की एक टीम पालनपुर सर्किट हाउस पहुंची और जिग्नेश मेवाणी को गिरफ्तार कर लिया. जिग्नेश मेवाणी की गिरफ्तारी की जानकारी उनके समर्थकों ने दी.
प्रधानमंत्री के खिलाफ आक्रामक तेवर रखते हैं मेवाणी
बता दें कि जिग्नेश मेवाणी दलित नेता हैं और वडगाम से विधायक हैं. उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता था और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर रुख अपनाते रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- बेल मिलने के बाद फिर से जेल पहुंचे जिग्नेश मेवाणी
- कोकराझार में मिली जमानत, फिर बारपेटा पुलिस ने किया गिरफ्तार
- गुजरात जाकर असम की पुलिस ने मेवाणी को किया गिरफ्तार
Source : News Nation Bureau