गुजरात राज्यसभा चुनाव के लिए भले ही पिछले तीन दिनों से नई दिल्ली से लेकर गांधीनगर तक राजनीतिक ड्रामा जारी है। लेकिन इसकी पटकथा कांग्रेस के बागी नेता और गुजरात विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रहे शंकर सिंह वाघेला के पार्टी छोड़ने के साथ ही लिख गई थी।
1. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला ने 21 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ कई विधायक भी हैं। मंगलवार को गुजरात राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के बाद वाघेला ने कहा, 'मैंने कांग्रेस के पक्ष में वोट नहीं दिया, क्योंकि अहमद पटेल नहीं जीतने वाले इसलिए वोट बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं है।' हालांकि अहमद पटेल ने जीत दर्ज की और वह पांचवीं बार राज्यसभा पहुंचेंगे।
2. वाघेला के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के 6 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी। 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 57 विधायक थे, जिनमें से छह ने 26 जुलाई को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और उनमें से तीन 28 जुलाई को बीजेपी में शामिल हो गए। कांग्रेस ने बीजेपी पर पैसे देकर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया।
3. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संपर्क में आने से बचाने के लिए कांग्रेस ने अपने 44 विधायकों को 29 जुलाई को कर्नाटक के एक रिसॉर्ट में शिफ्ट कर दिया। जिन्हें सोमवार को वापस गुजरात लाया गया। बीजेपी से बचे 51 कांग्रेसी विधायकों में से सात विधायक बेंगलुरु से आने वाले विधायकों में शामिल नहीं हुए थे।
4. गुजरात के विधायकों के बेंगलुरू से सटे बिदादी में ईगल्टन गोल्फ रिसॉर्ट में ठहरने के दौरान आयकर विभाग ने छापेमारी की थी, जहां विधायकों की मेजबानी कर रहे शिवकुमार भी रुके थे। शिवकुमार पर कथित तौर पर आय के स्रोतों से ज्यादा संपत्ति रखने को लेकर छापेमारी की गई थी।
और पढ़ें: नीतीश की पार्टी बनी अहमद पटेल के लिए संजीवनी, जेडीयू ने अरुण कुमार पर गिराई गाज
5. विधायकों के जोड़-तोड़ को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद चुनाव आयोग ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग था। कांग्रेस ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए राज्यसभा में भी मामला को उठाया। हालांकि बीजेपी ने सभी आरोपों से इनकार किया। रिसॉर्ट में छापेमारी पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राज्यसभा चुनाव से पहले लोगों को धमकाने के लिए सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
6. गुजरात राज्यसभा चुनाव के लिए मंगलवार को वोट डाले गये। सुबह से ही गांधीनगर में राजनीतिक हलचल शुरू हुई जो देर रात करीब 3 बजे तक चलती रही। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, मुख्यमंत्री विजय रूपानी समेत बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेता गांधीनगर में डटे रहे। वहीं सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल समेत अन्य कांग्रेसी नेता ने भी डेरा डाले रखा।
और पढ़ें: जीत के बाद बोले अहमद पटेल- 'धनबल, बाहुबल की हार हुई'
7. दरअसल, तीन राज्यसभा सीट में से दो सीटों पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जीत पहले से ही पक्की मानी जा रही थी और हुआ भी ऐसा ही। वहीं तीसरी सीट पर बीजेपी ने अहमद पटेल के खिलाफ बागी कांग्रेस नेता बलवंत सिंह राजपूत को उतारा था, जिसे लेकर सारी उठापटक हुई।
8. पटेल को 176 सदस्यीय सदन में अपनी सीट जीतने के लिए 45 प्राथमिक मतों की जरूरत थी। लेकिन बीजेपी के तोड़फोड़ से बचाने के लिए बेंगलुरू भेजे गए 44 कांग्रेस विधायकों में पटेल को 42 विधायकों के ही वोट मिले, जबकि दो विधायकों ने बगावत करते हुए न सिर्फ बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया, बल्कि तीनों प्रत्याशियों को अपना मतपत्र भी दिखा दिया। यहीं से मामला कांग्रेस के पाले में जाता दिखा।
9. कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से शिकायत कर दोनों विधायकों के मतों को अवैध करार दिए जाने की मांग की। आयोग ने शिकायत मिलने के बाद मतों की गणना रोक दी। इसे लेकर राजधानी दिल्ली में भी दोनों पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने राजनीतिक दांव-पेंच शुरू कर दिए। दोनों ही दलों ने तीन घंटे के अंदर तीन बार आयोग का दरवाजा खटखटाया। लेकिन चुनाव आयोग ने कांग्रेस के पक्ष में फैसला दिया और दोनों विधायकों के मत को रद्द कर दिये। चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ बीजेपी कोर्ट जा सकती है।
10. दो विधायकों के वोट रद्द होने के बाद अहमद पटेल को 43.5 विधायकों की जरूरत थी। जिसे उन्होंने हासिल कर लिया। रिटर्निंग ऑफिसर ने कहा, 'कांग्रेस के अहमद पटेल को 4400 वोट मिले। बीजेपी के अमित शाह को 4600 और स्मृति ईरानी को भी 4600 वोट मिले।' उन्होंने कहा कि बलवंत सिंह राजपूत को 3800 वोट मिले। कांग्रेस को समर्थन का वादा करने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक विधायक ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की। जेडीयू के विधायक ने भी पार्टी लाइन से हटकर वोट डाला और अहमद पटेल की तारीफ की। वहीं एक बीजेपी विधायक ने भी कांग्रेस के पक्ष में वोट किया।
और पढ़ें: नीतीश कुमार के मंत्री के बिगड़े बोल, पत्रकारों से पूछा- क्या आप पाकिस्तान माता के समर्थक हैं?
HIGHLIGHTS
- राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अहमद पटेल, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जीत
- चुनाव परिणाम से पहले नई दिल्ली और गांधीनगर में जारी रही राजनीतिक बयानबाजी
- विधायकों ने किया क्रॉस वोटिंग, दो MLA का वोट रद्द होना अहमद पटेल को पहुंचाया फायदा
Source : News Nation Bureau