गुजरात राज्यसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के एक मात्र विधायक छोटूभाई वसावा ने पार्टी लाइन से हटकर अहमद पटेल को वोट दिया। जो पटेल के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं रही।
हालांकि वसावा के कदम से नाराज जेडीयू ने विधायक के खिलाफ तो कार्रवाई नहीं की लेकिन पार्टी महासचिव अरुण कुमार को पद से हटा दिया है। अरुण कुमार पर गुजरात राज्यसभा चुनाव में अध्यक्ष की अनुमति के बिना पोलिंग एजेंट बनाने का आरोप है।
अरुण कुमार शरद यादव के करीबी हैं। शरद यादव बिहार में महागठबंधन तोड़ने के फैसले के बाद से नीतीश कुमार से नाराज हैं।
जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा, 'आपको (अरुण कुमार) पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ऐसे किसी निर्देश जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। इस स्थिति में आपका यह कृत्य पार्टी विरोधी और धोखाधड़ी करने वाला है। आपको पार्टी के महासचिव पद से हटा दिया गया है।'
आपको बता दें की हाल ही में जेडीयू विपक्ष के खेमे से अलग हुई है। ऐसे में कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग पार्टी को नागवार गुजरी।
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कांग्रेस के दो विधायक राघवजी पटेल और भोला पटेल के वोट रद्द होने के बाद जेडीयू विधायक छोटू वसावा पर अहमद पटेल की जीत निर्भर हो गई थी। अहमद पटेल को आधे वोट से जीत मिली है। वोट देने के बाद वसावा ने कांग्रेस को वोट देने की बात कही थी। जबकि पार्टी ने इससे इनकार किया था।
पटेल की जीत
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल पांचवीं बार राज्यसभा के लिए चुने गये हैं। वहीं गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों में से दो पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जीत दर्ज की है। एक पर पार्टी को हार मिली।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी राज्यसभा के लिए चुने गये हैं। तीसरी सीट पर बीजेपी ने अहमद पटेल के खिलाफ बागी कांग्रेसी नेता बलवंत सिंह राजपूत को उतारा था, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा है। स्मृति ईरानी और अमित शाह को 46-46 वोट मिले। अहमद पटेल को 44 वोट मिले।
Source : News Nation Bureau