गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में हुई हत्या मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 19 नवंबर को सुनवाई करेगा. जाकिया जाफरी ने इस मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अन्य बड़े राजनीतिज्ञ और नौकरशाहों को मिली क्लीन चिट को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी. बता दें कि 2002 दंगे में मारे गए कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को SIT से मिले क्लीनचीट पर निचली अदालतों में याचिका दायर की थी, लेकिन सभी जगह याचिका खारिज कर दी गई थी.
गौरतलब है कि 28 फरवरी 2002 को दंगों के दौरान अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी में एक भीड़ के द्वारा एहसान जाफरी सहित कुल 68 लोग मारे गए थे.
इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने 8 फरवरी 2012 को एक क्लोजर रिपोर्ट फाइल की थी, जिसमें नरेंद्र मोदी और 59 अन्य को क्लीन चिट मिल गई थी. फिर निचली अदालत ने भी एसआईटी की रिपोर्ट पर मुहर लगा दी थी.
दिसम्बर 2013 में एक महानगरीय अदालत ने जाफरी की मोदी और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद वह 2014 में गुजरात हाई कोर्ट का रुख की थी.
लेकिन पूरी सुनवाई के बाद पिछले साल 5 अक्टूबर को गुजरात हाई कोर्ट ने भी याचिका कर दी थी हालांकि हाई कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं.
और पढ़ें : जानें क्या है गुलबर्ग हत्याकांड का मामला, केस में अब तक क्या हुआ?
पिछले 16 वर्षों से गुजरात दंगों और अपने पति की हत्या के खिलाफ लड़ाई लड़ रही जाफरी ने अपने शिकायत में राजनेताओं के अलावा नौकरशाहों, पुलिस और कई निजी लोगों के नाम दर्ज करवाए थे जिसमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी का भी नाम शामिल था.
Source : News Nation Bureau