आरक्षण की मांग को लेकर दूसरे दिन भी गुर्जरों का आंदोलन जारी है. गुर्जर समुदाय प्रदेश में नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में पांच फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं. पटरी पर बैठे आंदोलनकारियों के कारण रेल यातायात प्रभावित हुआ. कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, मक्सूदनपुरा गांव के डूंगर स्टेशन के समीप आंदोलनकारियों ने ट्रैक पर प्रदर्शन शुरू कर दिया. चार ट्रेनों को डाइवर्ट कर दिया गया है वहीं 14 ट्रेन को रद्द कर दिया गया है. आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर आंदोलनकारियों और सरकारी प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत भी बेनतीजा रही. एक आंदोलनकारी ने कहा, 'हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों ही अच्छे हैं. हम चाहते है कि वह गुर्जर समाज की आवाज़ सुने. आरक्षण देना उनके लिए कोई कठिन कार्य नहीं है.' इससे पहले शुक्रवार को गुर्जरों ने रेलवे ट्रैक पर रास्ता रोको धरना दिया था. इस मसले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से रेलवे ट्रैक पर न बैठने की अपील की. उनकी मांगों को संविधान में संशोधन के बाद ही पूरा किया जा सकता है, इसलिए उन्हें पीएम को मीमो सौंपना चाहिए.
नेता विश्वेंद्र सिंह ने आंदोलन पर कहा, 'बातचीत शुरू हो गई है. मुझे उम्मीद है कि सरकार गुर्जर समुदाय की परेशानियों को सुलझाएगी. मैं मुख्यमंत्री के परामर्श के बिना कुछ कहने के लिए अधिकृत नहीं हूं.'
बता दें कि कुछ पहले दिन में गुर्जर संघर्ष समिति (जीएसएस) के सदस्यों ने एक महापंचायत बुलाई य़ी. इसके बाद जीएसएस के सदस्य सवाई माधोपुर के पास मलारना डुंगर रेलवे स्टेशन पहुंचे और उन्होंने रेलमार्ग पर ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिया. गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गडरिया समाज के लोगों को 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है. वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जर को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है.